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आगम प्रकाशन परिचय
133
क्र.
प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) दसाओ) {अनु.द.सूत्र मूल)
{दे.ना., गु.} [S] {416} 430 अनुत्तरौपपातिकदशा: {अनु.द.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2052 (1) 24 (P)
सह अभय. टीका) {दे.ना.) {ग्रं. 318)
{416, 417) 431 अनुत्तरोपपातिकसूत्र {अनु.द.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 144 (B)
|संमतिबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., {आगमबत्रीसी रत्न 4} महासतीजी, विवे.} {गु., दे.ना.} {416, 446}
संपादिका-आरतीबाई
महासतीजी डॉ. 432 अनुत्तरोपपातिकदशासूत्रम्
आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ., 2060 (2) |138 (B) {अनु.द.सूत्र सह आत्मारामजी कृत आगम प्रकाशन समिति, सह संपा.-रमेशमुनि, शिरीषमुनि छाया, (हिं.) अन्व., अनु, विवे.) भगवान महावीर {दे.ना.} {416, 424, 428}
मेडिटेशन एन्ड रिसर्च
सेंटर ट्रस्ट अनुत्तरोपपातिकदशाङ्गम्
जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचद्रसागरजा गाण, पूव 2061 (10 |200) {अनु.द.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [3]
संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि {416) अनुत्तरोपपातिक दशा सूत्र {अनु.द.सूत्र अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2063 (2) 84 (B) सह पारसमल चंडालिया (#) कृत (हिं.) जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया शब्दार्थ, अनु. और संक्षिप्त विवे.) {रत्न 123} {दे.ना.} {416, 427}
434
437
जौहरी
10. प्रश्नव्याकरणसूत्र (435-459) 435 प्रश्नव्याकरणसूत्र {प्रश्न.सूत्र सह । धनपतसिंह बहादुर संशो.-भगवानविजयजी 1933 (अ.) 546 (C)
| अभय. टीका, अज्ञात कर्तृक बा.बो.) {आगमसंग्रह भाग 10)
{दे.ना.} {451, 452, 454} 436 प्रश्नव्याकरणागम् {प्रश्न.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1975 (अ.) 166 (P)
अभय.टीका} {दे.ना. [3] {451, 452) |प्रश्नव्याकरण सूत्र {प्रश्न.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1975 (अ.) 238 (P)
अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी
{दे.ना.} [T, S] {451, 464} 438 प्रश्नव्याकरणसूत्रम् (प्रश्न.सूत्र सह मुक्तिविमलजी जैन संशो.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1993
की 1993- 101+116%3D ज्ञानविमलसूरिजी कृत टीका) ग्रंथमाळा {मुक्ति. जैन
1995 (अ.) 217 (P) भाग 1-2 (दे.ना.} [T, s]
ग्रंथ.7} {451, 453) 439 प्रश्नव्याकरणम् {प्रश्न.सूत्र सह अज्ञात दयाविमलजी जैन अप्रदर्शित
1998 (1) 58 (P) कर्तृक (गु.) अनु., (श्रु.1→अ.5)} ग्रंथमाला {अंक 27}
{दे.ना.} {451, 466} |440 प्रश्नव्याकरणम् (प्रश्न.सूत्र सह अज्ञात नेमचंद पोपटलाल वोरा |अप्रदर्शित
1999 (1) 56 (P) कर्तृक (गु.) अनु., (श्रु.1→अ.5)} {दे.ना.} {451, 466}