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________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता दीपरत्नसागरजी 1224 1225 अज्ञात 1226 विवे. (7) |1| चंद्रोदयसागरजी संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (सूत्र 71) {1473} वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (सूत्र 71) {1030} | वि. 2019 (गु.) * गद्य * (सूत्र 70) {(मंगला.) जिनराज मुनिसुव्रत. स्वामीने नमस्कार...दुःखनो क्षय करो।।7011) {1440) वि. 2066P | ‘गुणरत्नसूरिजी कृत अवचूरि अनुसारी विवे.' * (गु.) * गद्य * (सूत्र 71) {1537} 1227 दीपरत्नसागरजी 36. भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकसूत्र (1228-1234) 1228 मूल (1) वीरभद्रगणि वी. सं. पूर्व | (प्रा.) * पद्य * गाथा 173 ग्रं.215 {नमिऊण महाइसयं महाणु20 वर्ष भावं...सासयसोक्खं लहइ मोक्खं।।17311) {1031, 1032, 1033, 1345, 1346, 1369,1379, 1393, 1399, 1417, 1426, 1435, 1436, 1437, 1440, 1450, 1451, 1480, 1483, 1484, 1510, 1523322) 1229 अवचूरि (2) | अज्ञात (सं.) * गद्य * (गाथा 171) {धातुर्धारणे पोषणे च, ...च इणमो इमां।।} {1489) 1230 छाया (3) सागरानंदसूरि (#) वि. 1983P (सं.) * पद्य * (गाथा 172) {1426, 1480, 1484, 152394) 1231 अनु. (4) |1| अज्ञात वि. 1962 (गु.) * गद्य * (गाथा 172) {महाअतिशयवंत अने महाप्रभाव वाला...मोक्षने पामे छे।।17211) {1417, 1437, 1440, 1450, 1451, 1483=6} 2| कनकचंद्रसूरि वि. 1997P 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 172) {1435, 1436) 1233 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (गाथा 172) {1463, 1537} 1234 4| दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (गाथा 173) {1473} 1232 1235 मूल (1) पूर्वाचार्य 37.संस्तारकप्रकीर्णकसूत्र (1235-1242) (प्रा.) * पद्य * गाथा 122 ग्रं.155 {काऊण नमोक्कारं जिणवरवसहस्स...सुहसंकमणं ममं दिंतु।।12211) {1034, 1035, 1036, 1345, 1346, 1369, 1379, 1393, 1399, 1426, 1435, 1436, 1480, 1484, 1510, 1523316) 1236 टीका (2) गुणरत्नसूरि 1237 छाया (3) 1238 अनु. (4) सागरानंदसूरि (#) कनकचंद्रसूरि वि. 1484# | (सं.) * गद्य * (गाथा 121) {एष संस्तारः किलाराधना चारित्रस्याराधनं, ... प्राप्तिं मम ददतु।।) {1489, 1523) वि. 1983P | (सं.) * पद्य * (गाथा 123) {1426, 1480, 1484) वि. 1997P | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 123) {1435, 1436) वि. 2051P (हिं.) * गद्य * (गाथा 122) {1034} वि. 2053P (गु.) * गद्य * (गाथा 121) {1463, 1537} 1 1239 2 | सुरेश सिसोदिया डॉ. 3 दीपरत्नसागरजी 1240
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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