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आगम प्रकाशन परिचय
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क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) विपाकसूत्रम् (वि.सूत्र सह ज्ञानमुनिजी आत्माराम जैन प्रकाशन संशो.-हेमचंद्रजी मुनि, 2010 (1) 823 (P) कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.) समिति
संपा.-ज्ञानमुनि {दे.ना.} [T, S] {481, 486, 488} {जैन शास्त्रमाला 5} 473 विपाकसूत्र (वि.सूत्र सह उर्मिलाबाई प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल |2031 (1) |140 (B)
महासतीजी कृत (गु.) अनु.} समिति {प्रेम | {गु., दे.ना.} {481, 499)
जिना.प्रका.पं.4} 474 विपाकसूत्रम् (वि.सूत्र सह अभय. महावीर जैन साहित्य संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास |2038 (1) 292 (P)
टीका, हरगोविंददास त्रिकमचंद शेठ प्रकाशन, (P) आगमोदय पंडित कृत छाया, जेठालाल हरिभाई समिति, (P) जैन धर्म शास्त्री कृत मूल एवं टीका का संमिलित प्रसारक सभा {पुष्प 2} (गु.) अनु.) {गु., दे.ना.} [T,s]
{481,482,485, 505) 475 विपाकश्रुत [VIVAGA-SUYAMA]
आगम प्रकाशन समिति, संयो., प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी |2039 (अ.) 212 (B) {वि.सूत्र सह रोशनलालजी जैन पं.
ब्यावर (जिनागम मुनि, रोशनलाल आर. जैन, कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] | ग्रंथमाला ग्रंथांक 11) संपा.-श्रीचंद सुराणा, {481, 500}
शोभाचंद्रजी भारिल्ल
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सुखविपाकसूत्र (विपाकसूत्र) {वि.सूत्र | अखिल भारतीय सुधर्म अप्रदर्शित
|2040(4) 40 (D) |सह अज्ञात कर्तृक (हिं.) अनु. जैन संस्कृति रक्षक संघ
(श्रु.दूसरा)} {दे.ना.} {481, 498) 477 45-आगमसुत्ताणि (विवाग सुयं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |48 (C)
{वि.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.}{481} | 478 विपाक सूत्र {वि.सूत्र सह उषाबाई गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 272 (B)
महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {आगमबत्रीसी रत्न 5} महासतीजी
| {गु., दे.ना.} {481, 506) 479 विपाकसूत्रम् (वि.सूत्र सह अभय. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2055 (2) 56 (P)
टीका, हरगोविददास कृत छाया) {ग्रं. 310} {दे.ना.} [S] {481, 482, 485} विपाकसूत्रम् {वि.सूत्र सह घासी. कृत अंबा गुरु शोध संस्थान संपा.-सौभाग्यमुनिजी | 2059 (1) 287 (B) टीका, सौभाग्य मुनिजी कृत (हिं.) {सौभाग्य गुरु दीक्षा स्वर्ण अनु.} {दे.ना.} {481, 487, 503} जयंती अभिनंदन
ग्रंथमाला 2} विपाकसूत्रम् {वि.सूत्र सह ज्ञानमुनिजी आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2061 (2) 1024 (B) कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.) आगम प्रकाशन समिति, {दे.ना.} [T, S] {481, 486, 488} भगवान महावीर
मेडिटेशन एन्ड रिसर्च
सेंटर ट्रस्ट -482 विपाकदशाङ्गम् (वि.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 78 (P) {दे.ना., गु.} [S] {481}
पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि
481
12. औपपातिकसूत्र (483-503) 483 उववाईसूत्र (प्रथम उपांग) {औप.सूत्र धनपतसिंह बहादुर अप्रदर्शित
सह अभय. टीका और राजचंद्रसूरिजी {आगमसंग्रह भाग 12}
1936 (अ.)