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12. औपपातिकसूत्र
संपादक, संशोधक आदि
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) कृत बा.बो.} {दे.ना.}{515, 516, 517}
संपा.-Ernst Leumann
1937 (अ.) 174(C)
484 |Aupapatika Sutra {औप.सूत्र मूल) F.A. Brockhaus.
| {रो.} [T, S] {515}
485
आगमोदय समिति
संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) 1972 (1) 122 (P)
औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना.} [T, S] {515,516)
486 उववाईसूत्र {औप.सूत्र सह
राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1974 (अ.) 232 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T] {515, 520}
जौहरी 487 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र मूल) N. G. Suru (#) संशो., संपा.-नरहर गोविंद सुरु |1987
101 (C) {दे.ना., रो.} [T, S] {515}
(अ.?) 488 |उववाई सूत्तं (औप.सूत्र मूल) (दे.ना.} |जीवन कार्यालय अप्रदर्शित
1992 (1) 110 (B) {515)
{पुष्प 16} 489 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह दयाविमलजी जैन संशो.-हेमसागरसूरि 1994 (2) 232 (P)
अभय. टीका} {दे.ना.} [T,S] ग्रंथमाला {अंक 26}
{515, 516} 490 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह भुरालाल कालीदास पं. संशो.-हेमसागरसूरि
1994 (2) 232 (P) अभय. टीका) {दे.ना.} [T, S].
{515, 516) 491 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2041 (1) 131 (P) अभय. टीका} {दे.ना.} [T, S]
{ग्रं. 141} {515, 516) 492 उववाइय सूत्तं (औपपातिक सूत्रम्) प्राकृत भारती अकादमी, संपा. गणेश ललवानी 2044 (1) 356 (C)
[UVAVAIYA SUTTAM] {औप.सूत्र जैन श्वेतांबर नाकोडा । सह रमेश मुनिजी कृत (हिं.) अनु. पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर
और के. सी. ललवानी कृत (अं.) {पुष्प 50} अनु.) {दे.ना., रो.} {515, 523,
524) 493 |औपपातिक-सूत्रम् [AUPAPATIKA | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2046 (2) 744 (B)
SUTRA] {औप.सूत्र सह घासी. कृत स्थानकवासी जैन टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) शास्त्रोद्धार समिति {दे.ना., गु.} {515, 518, 532,
533) 494 औपपातिकसूत्र
आगम प्रकाशन समिति, |संयो., आद्य संपा.-मिश्रीमलजी |2048 (2) |240 (B) [AUPAPATIKASUTRA] {औप.सूत्र ब्यावर {जिनागम मुनि, संपा.-छगनलालजी शास्त्री सह छगनलालजी शास्त्री कृत (हिं.) ग्रंथमाला ग्रंथांक 13} डॉ. अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {515,
528} 495 |औपपातिकोपांगसूत्रम् {ओप.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 200 (P)
अभय.टीका} {दे.ना., गु.) [T] {ग्रं. 261) {515, 516)