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________________ 136 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 461 विपाक सूत्र (वि. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) दे.ना.) (481, 491) 462 सुखविपाक मूलपाठः (वि.सूत्र मूल (श्रु.दूसरा)) (दे.ना. (481) 463 विपाकश्रुतम् (वि.सूत्र सह अभय. टीका, हरगोविंददास त्रिकमचंद पं. कृत छाया) (दे.ना. } [T, S] [481, 482, 485} 464 सुख विपाक सूत्रम् (हिन्दी भावार्थसहितम्) (वि. सूत्र सह भैरोंदानजी शेठिया (#) कृत (हिं.) अनु. ( श्रु. दूसरा)} (दे. ना. } [T] {481, 493) 465 विपाक सूत्रम् (वि. सूत्र सह जेठालाल | हरिभाई शास्त्री कृत मूल और टीका का संमिलित (गु.) अनु.) [दे.ना.) [T, S] {481, 505} 468 विपाकश्रुतम् (सूत्रम्) (वि. सूत्र सह अभय, टीका ओर हरगोवनदास त्रिकमचंद शेठ पं. (0) कृत छाया) {दे.ना.) [T, S] [481, 482, 485 469 सुख विपाक सूत्र (वि. सूत्र सह विनयचंद्र मुनि कृत (हिं.) अनु (श्रु.दूसरा)) (दे.ना.) (481, 494) 470 विपाक सूत्र हिन्दी अनुवाद (वि. सूत्र सह आनंदसागरजी कृत (हिं.) अनु और अभय. टीका का अनु.} {दे.ना. } [T] {481, 496, 509} 11. विपाकसूत्र 471 विपाकसूत्रम् {वि. सूत्र सह घासी कृत टीका (हिं. गु.) विवे, स्वोपज्ञ टीकानु) (दे. ना. गु. (481,487, 510, 511, 512, 513} प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि | राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकऋषि (#) सहायजी ज्वालाप्रसादजी जौहरी "י रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला ( रत्नप्रभा. पुष्प 31 } मोहनविजय जैन पुस्तकालय, पालीताणा { पुष्प 10} | 466 | VIVAGSUYA [The eleventh Anga P. L. Vaidya [of the jain canon] (विवागसूर्य) [वि.सूत्र मूल} {दे.ना. रो. [T, S] (481) 467 Vivagasuyam (निग्गंधपावयणेसु गुर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय एगारसंग भूयं विवागसूयं) (वि. सूत्र सह अभय. टीका, V.J. Choksi और M. C. Modi कृत (अं.) अनु.) {दे. ना., रो. } [T, S] [481, 482, 495) | जैन धर्म प्रसारक सभा | भैरोंदान जेठमल सेठिया अप्रदर्शित (पुष्प 59 ) संपा. ज्ञानसुंदरजी मुनि (#) संशो संपा. हरगोविंददास | त्रिकमचंद शेठ पंडित वीरपुत्र आनंदसागर ज्ञानभंडार (# ) अप्रदर्शित संशो., संपा. वाडीलाल जीवाभाई चोक्सी प्रो. डॉ. | M.C. Modi मुक्ति कमल मोहन जैन संशो. प्रतापसूरि | ज्ञान मंदिर (पुष्प 38} चंदनमलजी रतनचन्द्रजी संशो. हर्षचंद्र जैन शेठ अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1974 (3T.) 210 (P) संशो., संपा. - P. L. Vaidya Dr. 1991 (2) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि | स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति 1975 (1) | 26 (C) 1976 (अ.) 125 (P) 1982 (1) 1987 (3T.) 166 (P) 138 (C) 196 (D) 1991 (1) 384 (D) 1992 (2) 106 (P) 1994 (#) (अ.) 1994 (1) 16 (P) 384 (P) | 2008 (1) 798 (B)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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