SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 182
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रकाशन नाम एवं परिचय 452 प्रश्नव्याकरण दशासूत्रम् (प्रश्न. सूत्र सह अभय, टीका, ज्ञानविमलसूरिजी कृत टीका) (दे. ना.) [TS] [451, 452, 453) क्र. 453 प्रश्नव्याकरण सूत्र [PRASHNAVYAKARAN | SUTRA) ( प्रश्न. सूत्र सह सुनीताबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे. } {गु., दे. ना., रो.} {451, 472} 454 प्रश्नव्याकरणदशाङ्गम् {प्रश्न. सूत्र मूल देना, गु.) [8] (451) 455 ताराना झबकारा { प्रश्न. सूत्र सह राजेन्द्रसूरिजी कृत (गु.) विवे ( श्रु. 1 अ. 5)) भाग 1-2 (गु., दे. ना. } {451, 480) 456 प्रश्नव्याकरणाङ्गम् {प्रश्न. सूत्र सह अभव, टीका) (दे.ना.) (5) {451, 452} 457 प्रश्नव्याकरण सूत्र (सचित्र) [[PRASNAVYAKARAN SUTRA] [[ILLUSTRATED] { प्रश्न. सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे, और उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां. } (दे. ना., रो.} {451, 473, 474) 458 प्रश्नव्याकरण सूत्र ( प्रश्न. सूत्र सह हस्तिमलजी आचार्य कृत छाया, नेहा चोरडिया आदि कृत (हिं.) अन्व., विवे.) भाग 1-2 (दे.ना.) (451, 458,463a, } 459 प्रश्नव्याकरणम् (प्रश्न. सूत्र सह | ज्ञानविमलसूरिजी कृत टीका (श्रु. 1 अ. 5)} (दे.ना. } [T, S] {451, 453) 460 विपाकसूत्र | वि. सूत्र सह अभय टीका | अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.} {481, 482, 483) आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि | हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि ( ग्रं. 321 } | गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट (आगमबत्रीसी रत्न 10} | जैनानंद पुस्तकालय श्रुतज्ञान संस्कार पीठ जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति (प्राचीन श्रुत | समुद्धार पद्ममाला, पद्म 2} | पद्म प्रकाशन, दिल्ली { आगम प्रकाशन माला 22 } प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, | सहसंपादिका - आरतीबाई महासतीजी डॉ. सुबोधकाबाई साध्वी संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो. पूर्व | संपा. सागरानंदसूरि(1) संक., संपा. राजशेखरसूरि श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 51 } पूर्व संशो. पूर्व | संपा. सागरानंदसूरि (#) | प्रधान संपा. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सह संपा. वरुणमुनिजी, संजय | सुराणा, चित्र, त्रिलोक शर्मा डॉ. सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित जिनशासन आराधना पूर्व संशो. मफतलाल झवेरचंद ट्रस्ट (P) मुक्तिविमलजी गांधी जैन ग्रंथमाळा (प्राचीन 11. विपाकसूत्र (460-482) धनपतसिंह बहादुर {आगमसंग्रह भाग 11 } संशो. भगवानविजयजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2052 (1) 520 (P) 2056 (1) 2061 (1) 74 (P) 2063 (1) 2064 (पु.मु.) 2064 (1) 2066 (2) 336 (B) 2067 (पु.मु.) 374+216= |590 (C) 346 (P) |516 (B) 135 376+256= 632 (B) 220 (P) 1933 (3T.) 282 (P)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy