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★ संपादक आदि :
→ प्रकाशित पुस्तक / प्रत के संपादक, संकलनकार आदि संबंधित जानकारी यहाँ दी गई है और अगर प्रकाशन अंतर्गत पूर्व संपादक, पूर्व संशोधक आदि का उल्लेख हो तो उनकी जानकारी भी यहाँ दी गई है । → संपादक आदि का प्रकाशन में दिया गया अथवा उपलब्ध अंतिम पदवी का नाम दिया गया है । → अनुवादक आदि का नाम संपादक आदि के रूप में आवश्यकता अनुसार ' (# ) ' संज्ञा पूर्वक दिया गया है ।
ॐ प्रकाशन संवत् :
→ प्रकाशन की विक्रम संवत् यहाँ दी गई है।
→ संवत् अप्रदर्शित होने पर प्रकाशन की शैली, प्रकाशक या संपादक के समयकाल आदि के आधार से ' (# ) ' संज्ञा पूर्वक अनुमानित संवत् दी गई है ।
→ एकाधिक भागवालें प्रकाशनों में '' की संज्ञा पूर्वक प्रथम और अंतिम भाग की वि. सं. दी गई हैं। उदा. प्रस्तुत उदाहरण अनुसार प्रथम भाग वि. सं. 2064 में और अंतिम भाग वि.सं. 2069 में प्रकाशित हुआ है।
आवृत्ति
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→ विक्रम संवत् के साथ कोष्ठक () में प्रकाशन की आवृत्ति संकेतात्मक रूप से दी गई है ।
→ एकाधिक भागवाले प्रकाशनों में सिर्फ प्रथम भाग की आवृत्ति दी गई है ।
की पृष्ठ संख्या :
→ पुस्तक के कुल पृष्ठों की संख्या यहाँ दी गई हैं।
→ एकाधिक भागवालें प्रकाशनों में तीन भाग तक की पृष्ठ संख्या दिखाकर अंत में '' की संज्ञा द्वारा सर्व भागों की कुल पृष्ठ संख्या दी गई हैं ।
उदा. 4 अनुसार पुस्तक की कुल पृष्ठ संख्या 722 है ।
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उदा. 6 अनुसार प्रकाशन कुल तीन भाग में हुआ है, जिनकी पृष्ठ संख्या 230, 374, 482 है और सर्व भागों की कुल मिलाकर पृष्ठ संख्या 1086 होती है ।
विशेष :- तीन से अधिक भाग होने पर तीन भागों की पृष्ठ संख्या के पश्चात् '=' संज्ञा से पहले शेष भागों के सूचक ...(तीन डोट) किए गए हैं ।
उदा. C अनुसार प्रकाशन तीन से अधिक भागों में हुआ है, जिनकी पृष्ठ संख्या 284, 296, 320,..... आदि है, एवं सर्व भागों की कुल मिलाकर पृष्ठ संख्या 1576 है ।
★ आकार एवं कद (Size) :
→ प्रकाशन परिचय के अंत में पृष्ठ संख्या के साथ कोष्ठक () में प्रकाशन का आकार एवं कद दिया गया है ।
→ केवल पुस्तकाकार प्रकाशनों का ही कद दिया गया है, किन्तु प्रताकार प्रकाशनों का कद नहीं दिया गया है ।
→ प्रताकार के लिए P संज्ञा दी गई है एवं पुस्तकाकार के लिए कदसूचक (A, B आदि) संज्ञाएँ दी गई है । → आकार एवं कद दर्शाने हेतु उपयुक्त संज्ञा 'संकेतसूची' में दी गई है ।