________________
276
80. गणधरवाद (विशे.भा. गाथा 1549-2024)/(कल्पसूत्र व्या.6→सूत्र 122वाँ)
क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1734 गणधरवाद सचित्र {विशे.भा. वीशा श्रीमाळी तपगच्छ संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास 2040 (1) 1568+600%3D (गणधरवाद) (गाथा 1549- 2024) श्री संघ, मोहनविजय जैन
1168 (D) सह अरुणविजयजी पं. कृत पाठशाळा (पुष्प मलधारीय टीकानुसारी (गु.) प्रव.16 }
भाग 1-2 {गु., दे.ना.}{1119,1549) 1735 गणधरवादनां संवादात्मक अनुवाद, B.J. Institute of संपा.-दलसुखभाई मालवणिया |2041 (2) 424 (B) टिप्पण अने तुलनात्मक प्रस्तावना
Learning & Reaserch
पंडित
{पुनमचंद करमचंद {विशे.भा. (गणधरवाद) (गाथा
कोटावाळा ग्रंथमाला 40} 1549-2024) सह दलसुख मालवणिया पं. कृत (गु.) शोधग्रंथ, मलधारीय टीकानुसारी अनु.} {गु., दे.ना.) [T, S] {1119, 1529,
1552) 1736|संशय सब दूर भये (गणधरवाद) अरुणोदय फाउन्डेशन संपा.-परमार्थाचार्य पंडित 2043 (1) 100 (D)
(गणधरवाद के पद्मसागरसरिजी कृत ट्रस्ट (हिं.) प्रव.12} {दे.ना.} {1550) गणधरवादकाव्यम् {सुबोधिका टीका सुशीलसूरि जैन ज्ञानमंदिर संपा.-जिनोत्तमसूरि
2043 (1) 424 (D) आधारित सुशीलसूरिजी कृत (नेमि लावण्य दक्ष सुशील गणधरवादकाव्य सह स्वोपज्ञ (सं., ग्रंथमाला 73-75) हिं.) अनु.) (दे.ना.} {1534,1535,
11540) 1738 आतम पाम्यो अजवाळ {गणधरवाद अरुणोदय फाउन्डेशन संपा.-धनंजय जे. जैन 2044 (1) 96 (C)
के पद्मसागरसूरिजी कृत प्रव.12 का ट्रस्ट अशोक शाह कृत (गु.) अनु.} {गु.}
{1551) 1739 |GANADHARAVADA {विशे.भा. मोतीलाल बनारसीदास संपा.-के. रामप्पा (#) 2045 (1) 170 (C)
आदि के आधार से गणधरवाद के पब्लीशर्स प्रा. लि. भुवनभानुसूरिजी के विवे. का {Lala Sundarlal Jain के.रामप्पा कृत (अं) भाषां.} {रो.) Research Series 4}
{1547) | 1740 महावीर - देशना (गणधरवाद) गुरु देवेन्द्र साहित्य |संयो., संपा. नरेन्द्रविजय मुनि 2047 (1) 288 (C)
{राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत (सं.) प्रकाशन समिति (नवल) गणधरवाद सह देवेन्द्रविजयजी कृत (हिं.) अनु., विवे.} {दे.ना.} [T]
{1539, 1539a} 1741 गणधरवाद {विशे.भा. आदि के दिव्यदर्शन ट्रस्ट संपा.-भुवनसुंदरविजयजी 2047 (अ.) 94 (C) आधार से गणधरवाद का
पंन्यास भुवनभानुसूरिजी कृत (गु.) विवे.}
{गु.} {1545} 1742 गणधरवाद (विशे.भा. (गणधरवाद) महावीर विद्यार्थी कल्याण संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास 2053 (2) 331+320= (गाथा 1549-2024) सह केन्द्र
651 (C) अरुणविजयजी पं. कृत मलधारीय टीकानुसारी (गु.) प्रव.16} भाग 1-2
{गु., दे.ना.} {1119, 1549} 1743 गणधरवाद (कल्पसूत्र के गणधरवाद पद्मावती प्रकाशन मंदिर संपा.-चिदानंदसूरि 2056 (2) |116 (D)