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आगम प्रकाशन परिचय
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क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला)
संपादक, संशोधक आदि
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
80. गणधरवाद (विशे.भा.गाथा 1549-2024)/(कल्पसूत्र व्या.6→सूत्र 122वा) (1726-1746) 1726 गणधरवादः {कल्पसूत्र आधारित दयाविमलजी जैन अप्रदर्शित
1976 (1) 19 (P) मुक्तिविमलजी पं. कृत (सं.) ग्रंथमाला {अंक 20} गणधरवाद (व्या.6→सूत्र-122वाँ)}
{दे.ना.} {1526) 1727 GANADHARA-VADA [Sramana | जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा, संपा.-रत्नप्रभविजयजी 2006 (अ.) |618 (B)
Bhagavan Mahavira] {विशे.भा. अमदावाद (गणधरवाद) सह मलधारीय टीका, धीरुभाई ठाकर डॉ. कृत छाया, (अं.) अनु., टीकानुसारी विवे. (गाथा 1549-2024)} Volumn III {रो., दे.ना.) [T] {1119, 1124,1527,
1530, 1542} 1728 गणधरवाद {कल्पसूत्र के गणधरवाद सिद्धि मेघ मनोहर धर्म संपा.-भद्रंकरसूरि
2017 (अ.) 28 (P) का भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) विवे. संग्रह साहित्य प्रकाशन (व्या.6→सूत्र-122वाँ)} {दे.ना.} समिति {पुष्प 6}
11544} 1729/GANADHARAVADA (विशे.भा. गुजरात विद्यासभा संपादिका-Esther A. 2022 (1) 394 (B) (गणधरवाद) सह एस्तेर सोलोमन डॉ.
Solomon Dr. (#) कृत (अं.) अनु., मल. टीकानुसारी विवे. (गाथा-1549-2024)} {रो., दे.ना.) [T, S] {1119, 1531, 1543} गणधरवाद (आत्मा-कर्म-बन्ध- जैन साहित्य प्रकाशन लेखक-भुवनभानुसूरि 2026 (अ.) 124 (D) पंचभूत- स्वर्ग:मोक्षादि तत्त्व-चर्चा) समिति {11 {विशे.भा. आदि के आधार से गणधरवाद के भुवनभानुसूरिजी कृत
(हिं.) विवे.} {दे.ना.} {1546} 1731 गणधर वाद (भावानुवाद) {कल्पसूत्र सुमतिलाल जमनादास संपा.-चिदानंदसूरि, 2027 (अ.) 52 (P) के गणधरवाद का चिदानंदसूरिजी कृत शाह
कीर्तिसेनविजयजी (गु.) अनु. (व्या.6+सूत्र-122वाँ)} {गु.) [T] {1532) गणधर वाद {कल्पसूत्र के सुमतिलाल जमनादास संपा.-चिदानंदसूरि
2027 (अ.) 102 (D) गणधरवाद का चिदानंदसूरिजी कृत शाह (गु.) अनु. (व्या.6→सूत्र-122वाँ)।
{गु.} {1532} 1733 गणधरवाद का गुजराती से हिन्दी प्राकृत भारती अकादमी, संशो., संपा.-विनयसागरजी 2038 (1) 450 (B)
अनुवाद {विशे.भा. (गणधरवाद) सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ महोपाध्याय, (गाथा-1549-2024) सह दलसुख
{पुष्प 10}
सह संपा.-ओंकारलाल मेनारिया मालवणिया पं. के शोधग्रंथ और मलधारीय टीकानुसारी अनु. का पृथ्वीराजजी जैन कृत (हिं.) भाषां.) {दे.ना.} [T, S] {1119, 1533, 1553)