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________________ 170 30. उत्तराध्ययनसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) दीप. कृत (गु.) अनु., पाईअ टीकानुसारी विवे.} भाग-37, 38, 39 {गु.} {971, 998} 829 उत्तराध्ययन सूत्र (सचित्र) (उत्त.सूत्र अनंतभाई दुर्लभजी अप्रदर्शित 2067 (अ.) 374 (B) सह साध्वी चंदनाजी के (हिं.) अनु. का खेताणी परिवार, हंसाबेन दुर्लभजी खेताणी कृत (गु.) भाषां.} मनमोहन तंबोली परिवार, {गु., दे.ना.} {876, 958} (P) प्रभावती चुनीलाल वेकरीवाळा वर्धमान वैयावच्च केन्द्र संपा.-धीरज मुनि 2067 (5) 288 (C) |अंतिम देशना) (गुजरातीमां मूळ पाठ (पी. एम. फाउन्डेशन) अने अर्थ) {उत्त.सूत्र सह धीरज मुनिजी (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.) {876, 972) 831 |"उत्तराध्ययनसूत्र'नां प्रवचनो अनेकांत प्रकाशन जैन संपा.-चंद्रगुप्तसूरि (#) 2068 (1) 440 (C) | (उत्त.सूत्र के चंद्रगुप्तसूरिजी कृत (गु.) | रिलीजीयस ट्रस्ट प्रव. (अ.3)} (गु.) (1013) 832 कलापूर्ण स्वाध्याय (उत्त.सूत्र मूल) कलापूर्ण जैन आराधक संपा.-पूर्णचंद्रविजयजी गणि (#) 2068 (1) [185+167= 352 (E) भाग 43-44 {गु.} {876) मंडल 833 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि 2068 (अ.) |142+138+ भद्रंकरसूरिजी (2) कृत छाया} 142...:582 {ग्रं. 27} (E) भाग 1-4 (दे.ना., गु.) {876, 919) | उत्तराध्ययन सूत्र (भगवान महावीर की सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल संपा.-हस्तिमलजी आचार्य 2068 (2) 552 (B) |अन्तिम देशना) {उत्त.सूत्र का अज्ञात कृत (हिं.) अनु. (कथायुक्त)) | {दे.ना.} {944) 835 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह । वर्धमान वैयावच्च संपादिका-पुष्पाबाई महासती, 2069- 392+408+ आत्मारामजी आचार्य के अन्व., अनु., केन्द्र {1} 528%3D1328 वनिताबाई महासतीजी 2070 (1) (B) विवे. का नयनाबेन सतीषभाई उपा. (विनय), तरलाबहन ए. दोशी कृत (गु.) भाषां.} भाग 1-3 {दे.ना., गु.} [T] {876, 940) 836 शास्त्राभ्यासनी कळानी कसोटी कमल प्रकाशन ट्रस्ट, संशो.-जयभूषणविजयजी, | 2070 (1) 338 (A) (उत्तराध्ययनसूत्रना प्रथम अध्ययननुं अमदावाद तत्त्वरुचिविजयजी, भाषांतर) {उत्त.सूत्र सह नियुक्ति, नयबोधिविजयजी शांतिसूरिजी कृत टीका और गुणहंसविजयजी कृत (गु.) अनु., टीकानु. (अ.1)} {दे.ना., गु.} [T, S] {876, 877, 880, 973, 990, 992) 834 ___ 31. दशवैकालिकसूत्र (837-955) 837 दशवकालीकशुत्रना 10 अध्ययनप्रारंभः |खेतशी जीवराज शास्त्री अप्रदर्शित {दश.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक बा.बो. (शाह) |(अ.10)} {गु.) {1020, 1032) 292 (P) 1950 (2) (अ.)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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