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15. प्रज्ञापनासूत्र
स्वरूप
संवत्
| कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र.
पे. | कर्ता
दलसुखभाई मालवणिया पंडित, अमृतलाल मोहनलाल भोजक पंडित Nagindas Jivanlal Shah Dr.
610
वि. 2027P | पुण्यविजयजी मुनि आदि के (गु.) शोधग्रंथ का भाषां. * (अं.)
* गद्य * (पद 36) {549)
611 मूल (1)
पूर्वाचार्य
16. सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र (611-622) ई.पूर्व (प्रा.) * गद्य * प्रा. 20→प्रा.प्रा. 31→सूत्र 108 ग्रं.2200
(तेणं काले णं...सोक्खुप्पाए सया पाए।) 1573,574, 575, 577, 578, 579, 580, 581, 582, 1375, 1378, 1381, 1388, 1393, 1397, 1412, 1455, 1510, 1522,
1530%320) वि. 1150# (सं.) * गद्य * (प्रा. 20), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.9000
{यथास्थितं जगत्सर्वमीक्षते यः...साधुजनस्तेन भवतु कृती।} {573, 577, 579, 581, 582, 1522=6 }
|612 टीका (2)
मलयगिरिसूरि
613 छाया (3) घासीलालजी महाराज (2) | | वि. 19872 | (सं.) * गद्य * (प्रा. 20) {575} 614 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज वि. 1987# | 'सूर्यज्ञप्तिप्रकाशिका' * (सं.) * गद्य * (प्रा. 20) {नम्रीभूत
पुरन्दरारिमुकुटभ्राजन्मणिच्छायया। चित्रानन्दकरी सदा... अतिदीनोऽहं वन्दे-नमस्करोमि-मिलितकरयुगलशिरसा नमा.
मीति।) {575) 615 अनु. (5) |1| अमोलकऋषि
वि.1976P (हिं.)* गद्य * (प्रा. 20) {574} 616
2 | कन्हैयालालजी मुनि वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20) {1455}
(कमल) (#) दीपरत्नसागरजी | वि. 2053P | 'चंद्र.सूत्र के अनु.युक्त' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20)
{1459} 618 4 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P 'चंद्र.सूत्र के अनु.युक्त' * (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20)
{1472} 619 5 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'चंद्र.सूत्र के अनु.युक्त', 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) *
गद्य * (प्रा. 20) {1485} 620 अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1987# | | "स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20) {575}
(6)
621
2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 1987# | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) {575, 576)
दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'मलय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) {1485}
|622 विवे. (7)
623 मूल (1)
पूर्वाचार्य
17. जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र (623-640)
(प्रा.) * गद्य * वक्ष. 7→सूत्र 181 ग्रं.4146 {ते णं काले...भुज्जो भुज्जो उवदंसेइत्तिबेमि।।} {583, 584, 585, 586, 588, 589, 590, 591, 592, 593, 594, 595, 596, 597,598, 1375, 1378, 1381, 1393, 1398, 1414, 1510%D22}