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आगम कृति परिचय
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टीकानु.
स्वरूप पे. | कर्ता
संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 17| दीपरत्नसागरजी
वि. 2066P "विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {314) 247 अनु., विवे. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, |
| वि. 2039P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {अर्हन्तों को नमस्कार...दी जानी (19) श्रीचंद सुराणा
चाहिए।) {279} 248
आरतीबाई महासतीजी | वि. 2059P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {अर्हतोने नमस्कार हो, ...दिवसमां करवी डॉ.
जोईए.} {296) 249
अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | वि. 2069P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 13) {306} 250 सुरेन्द्र बोथरा
वि. 2069P अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.)
* गद्य * (श्रु. 1→श. 13) {306} 251
पुरुषोत्तम गीगाभाई शाह वि. 1974P अभय, टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1) |(20)
{232} 252
बेचरदास जीवराज दोशी | वि. 1974 अभय, टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 6) पंडित
{233, 280) 253 अर्वा.
महेन्द्रकुमारजी मुनि वि. 2061P महाप्रज्ञजी आचार्य कृत (हिं.) भाष्य का भाषां. * (अं.) * गद्य भाष्यानु.(21)/ (द्वितीय),
* (श्रु.1→श. 2) {304} Nathamalji Tatia Dr. 254 अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2017P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {250) (22)
2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2017P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु.1) {250, 251} 256 विवे. (23) |1| पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2036 'सारसंग्रह' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-10 (सं.)
{278} 257 2 | पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2039 'सारसंग्रह', स्वोपज्ञ भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {273,
276) 3| दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय.टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {314) 259 प्रव. (24) 1 जवाहिरलालजी आचार्य | | वि. 1992 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1-→श.1→उ. 1) {242, 286)
255
258
260
2 | सागरानंदसूरि
वि. 1992
|(गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 1)→प्रव. 105 {244)
261
3 सागरानंदसूरि
वि. 1998
| (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1→उ. 1)→मंगला.प्रव. 83 {249,
253,263, 269%84) (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 8वाँ)-प्रव. 49 {243, 271)
262
| सागरानंदसूरि
वि. 2000
263
5 | लब्धिसूरि
वि. 2001P
264
| धर्मसूरि
वि. 2005
(गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1-→उ. 1) {245, 252, 259,
267%34) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1→उ. 1) →प्रव. 15 {274,
303) 'तेरहवें श. के छटे उद्देशक के प्रव.' (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 13→उ.6ट्ठा)→प्रव. 113 (255} (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 15वाँ)→प्रव. 133 {258)
265
शारदाबाई महासतीजी
वि. 2019
266
8 | शारदाबाई महासतीजी
|वि. 2022
267
शारदाबाई महासतीजी
|वि. 2022P | 'तीसरे श. के प्रथम उद्देशक के प्रव.' * (गु.)
1→श. 3→उ. 1)-प्रव. 32 {256)