________________
आगम कृति परिचय
क्र.
संवत्
991
टीकानु.
स्वरूप पे. कर्ता
कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 984 | 3 रविन्द्रमुनि (#)
वि. 2039# महानिग्रंथीय अध्ययन का पद्यानु. * (गु.) * पद्य * (अ.
20वाँ) {भाव हुँ भगवंतो...अमोही विहरे मुनि।।) {777) 985 4 | रविन्द्रमुनि (#) वि. 20392 | महानिग्रंथीय अध्ययन का पद्यानु. * (अं.) * पद्य * (अ.
20वाँ) {Devoutiy bowing to...so says Sudharma.)
{777} 986 |5| रविन्द्रमुनि (#)
वि. 203923 प्रमादस्थान अध्ययन का पद्यानु. * (गु.) * पद्य * (अ.
32वाँ) {अनादिकालीन समूल सर्व...थाय अनंत सुखी.}
{774} 987 6| हस्तीमलजी आचार्य वि. 2045P (हिं.) * पद्य * (अ. 36) {द्रव्य-भाव-संयोग-मुक्त, भिक्षाजीवी...
सम्मत ज्ञान दिया।।268 ||} {821) 988 |7| शशिकांत झा
वि. 2049P (हिं.) * पद्य * (अ. 36) {द्रव्यभावसंयोगमुक्त, भिक्षाजीवी
अणगारी...सिद्धि-सम्मत ज्ञान दिया।।268 11) {769,
815} 989 नियुक्तिअनु. 1 | दुलहराजजी मुनि वि. 2056P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 554) {1525)
(24) 990
2 | गुणहंसविजयजी वि. 2070P | (गु.) * गद्य * (गाथा 64) {836)
1 हीरालाल हंसराज वि. 1992P लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. | (25)
23) {713} 992 | 2 | गुणहंसविजयजी | वि. 2070P | ‘पाईअ टीका का स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (अ. 1)
{836) 993 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2015P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ. 36) {723, 724}
(26) 994
| 2 | घासीलालजी महाराज (#) वि. 2015P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (अ. 36) {723} 995 अर्वा.टिप्प. Jarl Charpentier वि. 2036# | (अं.) * गद्य * (अ. 36) {747}
(27) 996 विवे. (28) |1| रविन्द्रमुनि (#) वि. 2039# | महानिग्रंथीय अध्ययन का विवे. * (गु.) * गद्य * (अ. 20वाँ)
{777} 997 | 2 | यशोविजयसूरि वि. 2055P सभिक्षु अध्ययन का विवे. * (गु.) * गद्य * (अ. 15वाँ)
1791) 998
3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'पाईअटीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (अ. 36) {828} 999 प्रव. (29) 1 | केशवमुनि
वि. 2010 मोक्षमार्गगति अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 28वाँ)
→प्रव. 118 {738, 781) 1000 2 | केशवमुनि
वि. 2011P | इषुकारीय अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 14→गाथा
19)→प्रव. 143 (763) 1001 3 | केशवमुनि
| वि.2014 (गु.) * गद्य * (अ. 18वाँ)→प्रव. 154 {796) 1002 | 4 | उमेशमुनि (अणु
वि. 2026 | (हिं.) * गद्य * (अ. 23वाँ-गाथा 4)→प्रव. 15 {802} 5 | शारदाबाई महासतीजी वि. 2026 इषुकारीय अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 14वाँ)
→प्रव. 114 {739)
1003