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________________ 45. अनुयोगद्वारसूत्र क्र. स्वरूप संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 1346 1347 पे. | कर्ता 3 | सुबोधिकाबाई साध्वी 4 | दीपरत्नसागरजी 5 दीपरत्नसागरजी कनकप्रभाजी साध्वी वि. 2033P (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1447) वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1460) वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1476} वि. 2052P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1119) 1348 1349 अनु., अर्वा.टिप्प. (13) 1350 अन..विवे. 1| केवलमुनि उपाध्याय | वि. 2044P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1114} (14) 1351 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2057P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1123} 1352| 3 | सुरेन्द्र बोथरा वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. के (हिं.) अनु., विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य *(द्वार 4) {1123} 1353 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1130) 1354 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2023P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1111 (15) 1355 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2023P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (द्वार 4) (1111) 1356 अर्वा टिप्प. अभयशेखरसूरि वि. 2062 मलधारीय टीका का (अर्वा.) टिप्पण * (सं.) * गद्य * (द्वार 4), (16) प्रशस्ति श्लोक-6 (वीरं गणधरान् नत्वा...तदेवं समाप्तिमगाद् मलधारिश्रीहेमचन्द्रसूरिसन्दृब्धवृत्तिसमेतानुयोगद्वारसूत्रविषम पदटिप्पणी।} {1129) | 1357 विवे. (17) | पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2047 'मलधारीय टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति (सं.) श्लोक-10 {1116} | 1358 सारांश (18) देवविजयजी उपाध्याय वि. 1972 (गु.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति गद्य (सं.) (1102, 1103) दूसरी 46. कल्पसूत्र (1359-1437) 1359 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी | (प्रा.) * गद्य, पद्य * व्या. 9→सूत्र 228+64 (नमो अरिहंताणं .......हवई मंगलं।।...उवदंसेइ त्ति बेमि।।29111) {1133, 1134, 1138, 1139, 1142, 1143, 1144, 1145, 1146, 1147, 1149, 1151, 1152, 1154, 1156, 1157, 1160, 1161, 1162, 1163, 1166, 1167, 1168, 1169, 1170, 1174, 1175, 1177, 1180, 1183, 1184, 1185, 1188, 1191, 1192, 1193, 1194, 1196, 1198, 1199, 1200, 1202, 1203, 1204, 1207, 1208, 1211, 1212, 1213, 1214, 1216, 1217, 1220, 1221, 1222, 1225, 1226, 1227, 1228, 1229, 1232, 1235, 1240, 1243, 1244, 1246, 1248, 1249, 1250, 1256, 1259, 1260, 1261, 1262, 1263, 1264, 1266, 1269, 1270, 1273a, 1378, 1393, 1394, 1510284) 1360 नोंध : - कृति की कटौती की गई होने के कारण इस क्रमांक का उपयोग नहीं किया है।
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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