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आगम कृति परिचय
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क्र. स्वरूप 1158 टीकानु.
(17)
पे. कर्ता
संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. 1 माणेक मुनि
वि. 1979P | आ.नि. की हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 139)
{962} | 2 | चुनीलाल हकमचंद शाह | वि. 1980P विशे.भा. की मलधारीय टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा
3603) {963, 975, 983)
1159
1161
1160 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 20422 आ.नि. की हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. 6) (गाथा
1622) {1001) आर्यरक्षितविजयजी, वि. 2067 आ.नि. की हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा कृतिसंशो.-भव्यसुंदर
1625), प्रशस्ति गद्य (सं., गु.) {1003) विजयजी 1162 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (अ.6) {969) (18)
2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ.6) {969) 1164 विवे. (19) |1| धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर | वि. 2003P | निह्नववाद विभाग की गाथाओं का मलधारी टीकानुसारी | डॉ.
विवे. * (अं.) * गद्य * (गाथा 2296-2620) {968} 1165 रत्नशेखरसूरि
वि. 20352 | नियुक्ति और भाष्य का माणिक्यशेखरसूरिजी कृत
दीपिकानुसारी विवे. * (गु.) * गद्य * (गाथा 1109)
{987} | 1166 शोधग्रंथ देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री वि. 2051P (हिं.) * गद्य * (अ.6) {981)
(20)
1163
दूसरी
पूर्वाचार्य
33. पिंडनियुक्तिसूत्र (1167-1185) 1167 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी
वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 671 ग्रं.835 {पिंडे उग्गमउप्पायणेसणा
(सं)जोयणा...होइ निज्जरफला अज्झत्थविसोहिजुत्तस्स।। 67111) {1007, 1008, 1009, 1010, 1011, 1012, 1013, 1014, 1015, 1016, 1017, 1018, 1368, 1393, 1395, 1510,
1512, 1515, 1520319) 1168 भाष्य (2)
(प्रा.) * पद्य * गाथा 46 1 37 {गणनिष्फन्नं गोण्णं तं... कुच्छपसंसा थेरसमीवे उवालंभो।।4611) {1007, 1008, 1009, 1010, 1011, 1012, 1013, 1014, 1015, 1016, 1017,
1018, 1368, 1393, 1395, 1510, 1515, 1520318) | 1169 टीका (3) |1| हरिभद्रसूरि, वीराचार्य वि. 8332 पिंड.सूत्र और भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (गाथा
708) ग्रं.2950 {प्रारभ्यते पिण्डनियुक्तिः । आह-अस्याः ... निक्षेपस्तदभिधानाच्च परिसमाप्ता पिण्डनियुक्तिरिति।।छ।।)
{1016) वीरगणि,
वि. 1160 पिंड.सूत्र और भाष्य की शिष्यहिता टीका * (सं.) * गद्य * कृतिसंशो. नेमिचंद्रसूरि
(गाथा 671+37 =708), प्रशस्ति श्लोक-18 ग्रं.7671 {नम्रा(प्रथम), जिनदत्तसूरि
मरेश्वरकिरीटनिविष्टशोणरत्नप्रभापटलपाटलितांहिपीठाः। तीर्थेश्वराः शिवपुरीपथसार्थवाहा, ...द्वात्रिंशदक्षरमितेः श्लोकैः
सर्वप्रमाणमिति।।1811) {1008, 1011, 1018} 3 मलयगिरिसूरि
वि. 1150#
पिंड.सूत्र और भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (गाथा 671+37 =708), प्रशस्ति श्लोक-4 ग्रं.7000 {जयति
1170