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59. ज्योतिष्करंडकसूत्र
संवत्
स्वरूप 1500 टीका (2)
पे. | कर्ता
मलयगिरिसूरि
वि. 11502
| 1501 टिप्पण (3)
शिवनंदि वाचक
| कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. (सं.) * गद्य * (प्रा. 21-गाथा 376), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.5000 (स्पष्टं चराचरं विश्वं,...श्रीमलयगिरिविरचिता ज्योतिष्करण्डकटीका समाप्तेति।। {1335, 1337} 'चन्द्रलेखावृत्ति' * (प्रा.) * गद्य * (प्रा. 23) ग्रं.1580 {एत्थ विचारणं-कालप्पमाणस्स माणं...गति (? णि) हेतूणं (? हेतुं।।} {1336) (गु.) * गद्य * (प्राभृत 21→गाथा 376), प्रशस्ति गद्य (सं.) {1337}
1502 अनु. (4)
पावरत्नसागर
वि. 2068
1503 टीकानु. (5)
पावरत्नसागर
वि. 2068
'मलय. टीकानु.' * (गु.) * गद्य * (प्राभृत 21→गाथा 376), प्रशस्ति गद्य (सं.) {1337)
60. अड्गविद्याप्रकीर्णकसूत्र (1504-1504)
1504 मूल (1)
पूर्वाचार्य
(प्रा.) *गद्य, पद्य - अध्याय 60.9000 (णमो अरहंताणं.... साहूणं। णमो...भगवतीए सुतदेवताए।।छ।। ग्रं.9000} {1338}
1505 मूल (1)
पूर्वाचार्य
61. सारावलीप्रकीर्णकसूत्र (1505-1505)
(प्रा.) * पद्य * गाथा 116 ग्रं.145 {आरंभेसु निवत्ता सव्वठाणेसु...अइरेणं साहु सक्कारं।।116।।} {1339, 1379, 1405}
1506 मूल (1)
अज्ञात
62. सिद्धप्राभृत (1506-1510)
(प्रा.) * पद्य * गाथा 119 ग्रं.135 (तिहुयणपणए तिहुयण. गुणाहिए तिहुयणातिसयणाणे(णी) ।...सम्मत्तं अग्गेणिय. पुव्वणिस्संदं।।। {1340, 1341, 1342, 1343, 1510=5}
1507 टीका (2)
अज्ञात
(सं.) * गद्य * (गाथा 119) ग्रं.815 {सकलभुवनेशभूतानिखिलातिशयान् जिनान् गुरून्...निःष्यन्द इदं सिद्धप्राभृतकमिति।।} {1340, 1341, 1343}
1508 सज्झाय (3)
| गुणविजयजी गणि
वि. 1668#
| सर्वार्थसिद्ध विमान वर्णन की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 16 {जगदानंदन गुण निलो (वीनQ) ...फळे आशो रे।।16।।) {1776, 1782, 1784) (सं.) * पद्य * (गाथा 119) {1343) (गु.) * गद्य * (गाथा 119), प्रशस्ति (सं.) गद्य (सकल भुवनना ईश्वर...स्वोपकाराय च स्फुटः।।) (1343)
वि. 2069P
1509 छाया (4) | 1510 टीकानु. (5)
पार्श्वरत्नसागर पार्श्वरत्नसागर
वि. 2069P
1511 मूल (1)
63. आराधनाप्रकरण-सोमसूरि कृत (1511-1516) सोमसूरि
(प्रा.) * पद्य * गाथा 70 (नमिऊण भणइ एवं, ...ते सासयं ठाणं।।} {1417, 1437, 1449, 1450, 1451, 1497, 1501,1516%D8)