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________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप संवत् कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 1386 पे. कर्ता | हरिशंकर कालीदास शास्त्री 3 | माणेक मुनि | वि. 1971P | (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1143} 1387 वि. 1973P | (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1145} 1391 9 . |10| 1388 4 | जीतमुनि वि. 1975 (हिं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति गाथा-3 (1147) 1389 बेचरदास जीवराज दोशी वि. 2008P | (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1174, 1197, 1230, 1251, 1258, पंडित 127236) 1390 6 | वसंतकुमार चट्टोपाध्याय | वि. 2009P | (बंगा.) * गद्य * (व्या. 9) {1175} | कन्हैयालालजी मुनि (2) वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र का अनु. * (गु.) * गद्य * (वाचना 9) {1178, 1179) 1392 8 | कन्हैयालालजी मुनि (#) वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * | (वाचना 9) {1179, 1187, 1218} 1393 J. Stevenson वि. 2028P | (अं.)* गद्य * (व्या. 9) {1189) 1394 गुणसागरसूरि वि. 2028 | (गु.) * गद्य * (व्या. 10), प्रशस्ति श्लोक-12 (सं.) {1195, 1231} 1395 11 सज्जनश्रीजी प्रवर्तिनी | वि. 2030 लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीकानुसारी * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1229) 1396 |12| लब्धिसूरि (#) वि. 2031# ‘खीमशाही बा.बो.अनुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1219, 1271) 1397 | 13 विनयसागरजी वि. 2033P (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1208, 1237} | महोपाध्याय 1398 | 14 मुकुंद लाठ डॉ. वि. 2033P | 'जाव' आदि द्वारा गृहीत पाठों के अनु.युक्त * (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1208) 1399 | 15 K. C. Lalwani वि. 2035P | 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1200) 1400 | 16] यतीन्द्रविजयजी वि. 2037 |(हिं.) * गद्य * (व्या. 8), प्रशस्ति गद्य {1203) 1401| नोंध :- कृति की कटौती की गई होने के कारण इस क्रमांक का उपयोग नहीं किया है। 1402 | 18 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2057P | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1264) 1403 | 19| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1264} 1404 20| अज्ञात वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {अरिहंतो को नमस्कार, ...मैं कहता हूँ।} {1242} | 1405 राजमल सिंघी वि. 2059P गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 10) {1247) 1406 कनकरत्नसूरि वि. 2060P | 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 8) {1253) 1407 23 प्यारचंद्रजी उपाध्याय वि. 2066P (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1266} 24 कनकरत्नसूरि वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1267} 1408
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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