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आगम प्रकाशन परिचय
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प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) आवश्यकसूत्र (छाया सहित)
नीतिसूरि जैन तत्त्वज्ञान संक., संशो.-प्रशमेशप्रभ- 2064 (अ.) 76 (D) {आव.सूत्र सह दीप. कृत (गु.) अनु.} पाठशाळा, सिद्धाचल विजयजी, हार्दिकरत्नविजयजी {गु., दे.ना.} {1116, 1147) शणगार ट्रस्ट,
पालीताणा {1} 1001 आगम सटीक अनुवाद श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) 2066 (अ.)
224...%944 (आवश्यक-1-4) {आ.नि.-भाष्य और
(C) हारि.टीका का दीप. कृत संमिलित (ग.) अनु. भाग-31, 32, 33, 34 {गु.) {1150, 1156, 1160} आवश्यकनियुक्तिदीपिका {आव.सूत्र जिनशासन आराधना संशो.-मानदेवसूरि
2067 480+418+
12431022 सह आ.नि., भाष्य, ट्रस्ट, (P) दानसूरिजी जैन
(पु.मु.) माणिक्यशेखरसूरिजी कृत दीपिका) ग्रंथमाला {प्राचीन श्रुत भाग 1-3 {दे.ना.} [T, S] {1116, समुद्धार पद्यमाला, 1117, 1118,1127}
पद्म 47} 1003 आवश्यक नियुक्ति {आव.सूत्र सह प्रेमसूरीश्वरजी संस्कृत संपा.-आर्यरक्षितविजयजी (2) |2067- 388+412+
2069 (1) 1408...-2830 आ.नि., भाष्य, हारि.टीका, पाठशाळा
(B) आर्यरक्षितविजयजी कृत आ.नि. का (गु.) अनु., भाष्यानु., टीकानु., मलधारीय (सं.) टीप्पन} भाग 1-7 {गु., दे.ना.) [T] {1116, 1117, 1118, 1123, 1129, 1153, 1157,
1161) 1004 आवश्यकसूत्र (आव.सूत्र, आ.नि. सह जिनशासन आराधना संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |2068 181+184%D भाष्य, मलय. टीका (नि.गाथा- ट्रस्ट, (P) आगमोदय
(पु.मु.) 365 (P) 543-1099)} भाग-2-3 (दे.ना.) [s] समिति {प्राचीन श्रुत {1116, 1117, 1118, 1125}
समुद्धार पद्यमाला,
पद्म 66} 1005 हारिभद्रीयावश्यकवृत्तिटिप्पनकम् जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-कुमुदसूरि
2068 148 (P) {आ.नि.की हारि. टीका का मलधारीय ट्रस्ट, (P) देवचंद
(पु.मु.) टिप्पन} {दे.ना.} [T, S] {1129} लालभाई जैन
पुस्तकोद्धार फंड (प्राचीन श्रृत समुद्धार
पद्ममाला, पद्म 58} | 1006 आवश्यकसूत्रम् (आव.सूत्र सह श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-पुण्यकीर्तिविजय गणि 2068 (1)
1496+402+
506...-1600 नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका) भाग 14 | देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि
(P) {दे.ना.} [T, S] {1116, 1117, 1118, स्मृति ग्रंथमाला 29→1) 1123}
33.पिंडनियुक्तिसूत्र (1007-1018) 1007 पिण्डनियुक्तिः {पिंड.सूत्र सह भाष्य, देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1974(1) 182 (C)
मलय. टीका) (दे.ना.} [T, S] {1167, | पुस्तकोद्धार फंड 1168, 1171)
| {ग्रंथांक 44) 1008| पिण्डनियुक्तिः {पिंड.सूत्र सह भाष्य, देवचंद लालभाई जैन संपा.-कंचनविजयजी 2014 (1) 197 (P)
क्षमारत्न मुनि कृत अवचूरि, वीर पुस्तकोद्धार फंड गणिजी कृत (गाथा-28, 625-671 {ग्रंथांक 105}