________________
कर्ता-संपादक अनुक्रमणिका
क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित)
K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) |679 | विशालसेनसूरि (विशालविजयजी) - विराट {तपा.) [प्रका.सं. वि.2027] K (1006) 680 विश्वचंद्रसूरि (तपा.) [प्रका.सं. वि.2054]
P(784) 681 विश्वनाथजी पंडित [प्रका.सं. वि.1941]
P(1488) 682 विसनजी चतुर्भुज [प्रका.सं. वि.1928]
P(1747) 683 | वीरगणि (समुद्रघोषसूरि) - गुरु-ईश्वरगणिजी (चंद्रगच्छ) [र.सं. वि.1160] K (1170) |684 वीरपुत्रजी महाराज (घेवरचंद बांठिया - संसारी अव.) {स्था.}
K (22, 152, 181, 229, 274,395, 943, 1073, [प्रका.सं. वि.2012]
1523=9)
P(22,248, 275,817,872, 1038, 154337) 685 | वीरभद्रगणि (वीरभद्राचार्य) - वीरप्रभुना हस्ते दीक्षित [वीर सं. पूर्व
K (1186, 1209, 1228) 686 | वीरभद्राचार्य (वीराचार्य, वीरसूरि) - कृति-आराधनापताका
K(1498) [र.सं. वि.1078] |687 वीरमतीबाई महासती - गुरु-लीलमबाई महासती {स्था.}
K(163) [प्रका.सं. ई.2000] |688 | वीरविजयजी पंन्यास (शुभवीर) - गुरु-शुभविजयजी (तपा.}
K(216,333,334,1569) [जी.काळ सं. वि.1829-1908] |689 | वीरशेखरसूरि - गुरु-राजशेखरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2022]
P(1788) |690 | वीराचार्य (वीरसूरि) - गुरु-विजयसिंहसूरिजी [र.सं. वि.1160#]
K(1169) | 691 वीरेन्द्रकुमार मुनि (तेरा.) (प्रका.सं. ई.1998]
P(1567, 1571) | 692 | वृद्धिविजयजी - गुरु-लाभविजयजी (तपा.) [र.सं. वि.1706#]
K (1035) 693 | वैराग्यरतिविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.) [ज.सं. वि.2025]
P(1248) 694 | वैराग्यरत्नविजयजी गणि - गुरु-रविरत्नसूरिजी (तपा.)
P(909) [प्रका.सं. ई.1999] 695 शय्यंभवसूरि (शय्यंभव भट्ठ) (निर्ग्रथगच्छ)
K (1020,1033) [जी.काळ सं. वी.36-98] 696 शशिकांत झा - शास्त्री प्रका.सं. ई.1950]
K (988, 1093)P(441, 821) 697 शशीप्रभाश्रीजी {ख.} [प्रका.सं. वि.2051]
P(1229) 698 | शांतिचंद्रजी उपाध्याय - गुरु-सकलचंद्रजी उपा {तपा.} [र.सं. वि.1660]
K(625) 699 शांतिमुनि (महास्थविर शांतिमुनीजी म.सा.) - गुरु-नानेश आचार्यजी (स्था.} K (925, 937) P (816)
[प्रका.सं. ई.2007] 700 शांतिलाल केशवलाल पंडित-सिद्धांतपाक्षिक (जैन श्वेतांबर)
P(1711) [जी.काळ सं. वि.1971-2060] 701 | शांतिविजयजी - गुरु-विजयानंदसूरि {तपा.} [प्रका.सं. वि.1943]
P(232) 702 शांतिसागरजी उपाध्याय - गुरु-श्रुतसागरजी उपाध्याय (तपा.}
K(1367) [र.सं. वि.1707] 703 | शांतिसूरि (वादिवेताल, शांतिभद्रसूरि) - गुरु-विजयसिंहसूरिजी {थारापद्रगच्छ) | K (880)
[स्व.सं. वि.1096#]