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________________ प्रकाशन नाम एवं परिचय 1260 कल्पसूत्रम् ( कल्पसूत्र सह | सुबोधिका टीका) (दे.ना.) [T] {1359, 1366) क्र. 1261 परमपवित्रं श्रीकल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र | सह सुवोधिका टीका) (दे.ना., गु.) [T, S] [1359, 1366 } 1263 कल्पसूत्रम् ( कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका (दे.ना.) (T, S) (1350 1366 1264 सचित्र कल्पसूत्र [ILLUSTRATED KALPASUTRA] [कल्पसूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) भाषां.) (दे. ना., रो. } (1359, 1402, 1403) 1265 कल्पसूत्र (खीमशाही गुजराती भाषांतर) (कल्पसूत्र के खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.} (गु.) [T] {1422) 1266 कल्पसूत्र {कल्पसूत्र सह प्यारचंद्रजी उपा. कृत (हिं.) अनु. (स्था. मत)} {दे. ना. } [T] [1359, 1407 } 1262 कल्पसूत्रं-सुबोधिकाटीकासमलङ्कृतम् जैन ग्रंथ प्रकाशन समिति, संपा. सूर्योदयसूरि (#) खंभात ( कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका) {दे. ना., गु.} [T, S] [1359, 1366} 1267 बारसासूत्र [BARSA SUTRA] (कल्पसूत्र का कनकरत्नसूरिजी कृत (गु.) अनु.} {गु.} {1408} 1268 आगम सटीक अनुवाद (कल्प [बारसा] सूत्र) {कल्पसूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.) भाग 42 {गु. } {1409) |1269 कल्पसूत्रसुबोधिका ( कल्पसूत्र सह | सुबोधिका टीका) (दे.ना.) [T] {1359, 1366) आगम प्रकाशन परिचय 1270 बारसासूत्रम् ( कल्पसूत्र मूल } [दे.ना. गु.) (1350) 1271 कल्पसूत्रम् (खीमशाही) गुजराती प्रकाशक (ग्रंथमाला } अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट भारतवर्षीय जिनशासन संपा. विनयवर्धनविजयजी सेवा समिति | जिनशासन आराधना ट्रस्ट (P) माटुंगा जैन श्वे. मू. पू. तपागच्छ संघ {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 34} पद्म प्रकाशन, दिल्ली, दिवाकर प्रकाशन, प्राकृत भारती अकादमी (सचित्र आगममाला पुष्प 3} संपादक, संशोधक आदि संपा. चंद्रगुप्तसूरि | भावनाबेन किशोरचंद शाह श्रुत प्रकाशन निधि आगम प्रकाशन समिति, संशो. सुप्रभाजी साध्वी डॉ., संपा. -प्यारचंद्रजी उपाध्याय ब्यावर संपा. कनकरत्नसूरि (#) सन्मार्ग प्रकाशन (गुणयशसूरि- स्मृति-संस्कृतप्राकृत प्रथमाला 2) पूर्व संपा. कनकचंद्रसूरि | सन्मार्ग प्रकाशन {गुणयशसूरि-स्मृति संस्कृतप्राकृत ग्रंथमाला 1} 108 पार्श्वनाथ भक्ति मुख्य संपा. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सह संपा. श्रीचंद सुराणा, वरुणमुनिजी चित्र. पुरुषोत्तमसिंह सरदार, | हरविंदरसिंह सरदार | लब्धिरि जैन ग्रंथमाला, संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि 2065 (2) छाणी, लब्धिभुवन जैन साहित्य सदन संपा. दीपरत्नसागरजी (5) संपा. कीर्तियशसूरि संपा. - कीर्तियशसूरि संपा. रत्नशेखरसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2063 (1) 660 (P) | 2063 (1) 614 (P) 2065 (3.) 532 (P) 2065 (पु.मु.) 2065 (2) 328 (B) 2066 (3) 622 (P) 301 (P) 268 (P) | 2066 (1) 185 (P) 2066 (3T.) 208 (C) 2067 (3T.) 2066 (1) 940 (P) |2066 (1) 221 (P) 213 144+298= 442 (B)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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