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कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका
क्र. | कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित)
K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक)
P(1733)
P(17, 110, 169, 170,726,871, 1008, 1440, 1576,1587,1698, 1720%D12)
[प्रका.सं. ई.1933] 111 | ओंकारलाल मेनारिया [प्रका.सं. ई.1982] | 112 | कंचनसागरसूरि (कंचनविजयजी, कंचनसागर गणि) - उपसंपदा
सागरानंदसूरिजी [प्रका.सं.वि.2023] 113 कनकचंद्रसूरि (कनकविजयजी मुनि, कनकविजयजी गणि)
गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका. सं. वि.1997] | कनकप्रभाजी साध्वी (तेरा.} [प्रका.सं. ई.1993] 115 | कनकरत्नसूरि (कनकविजयजी) - गुरु-धर्मसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2057]
K (1201, 1221, 1232, 1238) P(1194,1263,1435,1436)
K (226,242, 1349)P (299, 1562)
K (1406,1408,1537) P(1193, 1253, 1267, 1745)
P(1185)
K (179, 306)
| 116 | कनकविमलसूरि - गुरु-रंगविमलसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.2024] 117 | कनकश्रीजी साध्वी {तेरा.} [प्रका.सं. ई.2003] | 118 | कनुभाई व्रजलाल शेठ डॉ. [प्रका.सं. वि.2057] 119 कन्हैयालालजी मुनि - गुरु-घासीलालजी मुनि {स्था.} [प्रका.सं. वि.2004]
P(1569)
K (1377, 1383, 1391, 1392, 1427, 142806) P (21, 23, 118,119, 173,174,208, 209, 250, 251, 325, 339, 366, 367, 393, 394, 425, 426, 443, 444, 471, 493, 512,513, 529,530,550, 551,575,576,586, 587, 601,625, 666, 723, 724,880,881, 969, 1069, 1076, 1111, 1178, 1179, 1500, 1502, 1503-48) K (155, 184,241,616, 781, 806, 827, 855, 858-9)P (37, 46, 124, 175, 210, 216, 277, 627, 628,629, 633,655,667, 668, 671, 683, 685, 748, 753, 1082, 1113, 1387, 1388, 1455, 1514,1556, 1557, 1559, 1560, 1561,1563, 1566,1569, 1570,1619335)
| 120 कन्हैयालालजी मुनि (कमल) - गुरु-प्रतापमलजी {स्था.} [प्रका.सं. वि. 2023]
K (1015, 1113)P(783,893, 1716)
K (883)
P(1080)
P (266, 332, 399,739,744,746=6)
121 | कमलचंद सोगानी डॉ. प्रका.सं. ई.1998] | 122 | कमलसंयम उपाध्याय - गुरु-जिनभद्रसूरिजी (ख.) [र.सं.वि.1544] 123 कमला जैन [प्रका.सं. वि.2048] 124 कमळाबाई महासतीजी - गुरु-शारदाबाई महासतीजी (स्था.)
[प्रका.सं. वि.2028] 125 | करुणाहष्टि विजयजी-गुरु-जयसुंदरसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2067] | 126 कर्नल दलपतसिंघ बाया (डी. एस. बाया डॉ., D. S. Baya Dr.) - श्रेयस
[प्रका.सं. ई.2004] | 127 कर्पूरविजयजी (सद्गुणानुरागी, सन्मित्र) - गुरु-वृद्धिचंद्रजी (तपा.)
[प्रका. सं. वि.1981] 128 | कलानाथ शास्त्री [प्रका.सं. ई.1988] | 129 | कलापूर्णसूरि - गुरु-कंचनविजयजी {तपा.} (प्रका.सं. वि.2038]
P(1016, 1018)
K (1261,1277, 1282,1488)
K (1484)P(1141,1417)
K (1467)
K (1256)
130 कलाप्रभसागरसूरि - गुरु-गुणसागरसूरिजी {अचलगच्छ) [प्रका.सं. वि.2031]
| P(1195, 1211, 1231, 1247)