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________________ आगम प्रकाशन परिचय 111 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) [SAMAVAYANGA SUTRAM] स्थानकवासी जैन {सम.सूत्र का घासी. कृत (गु.) शास्त्रोद्धार समिति स्वोपज्ञ टीकानु.} {गु., दे.ना.) {196} 209 समवायाङ्गसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2018 (1) 1212 (B) (SAMAVAYANGASUTRAM) स्थानकवासी जैन (सम.सूत्र सह घासी. कृत टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {दे.ना., गु.) {175, 180, 195, 196} | 210 समवायाङ्ग (सानुवाद, सपरिशिष्ट) आगम अनुयोग प्रकाशन संक., संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2023 (1) 520 (E) {सम.सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि (कमल) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] {175, 184) समवायांग सूत्रम् (सम.सूत्र मूल} भाग हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2031 (अ.) 104 (c) | 1/4 {दे.ना.} [S] {175} {ग्रं. 67} 212 समवायांग सूत्र {सम.सूत्र सह प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल |2035 (1) 238 (B) सुमनबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.} | समिति (प्रेम {गु., दे.ना.) {175, 186) जिना.प्रका.ग्रं. 11) 213 समवाओ (सम.सूत्र सह कनकश्रीजी जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य |2040 (1) 467 (B) कृत छाया, महाप्रज्ञजी आदि कृत (हिं.) अनु., टिप्पन} {दे.ना.) [T, S] {175, 179, 191) समवायाङ्ग सूत्रम् {सम.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2045 (1) 338 (P) अभय.टीका) {दे.ना.) [T,S] {ग्रं. 191} {175, 176} 215 समवाय-सुत्तं (SAMAVAY-SUTTAM) प्राकृत भारती अकादमी, संपा.-चंद्रप्रभसागरजी 2046 (अ.) 322 (C) {सम.सूत्र सह चंद्रप्रभसागरजी महो. जैन श्वेतांबर नाकोडा महोपाध्याय कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} {175, 187} | पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर, जितयशाश्री फाउंडेशन {पुष्प 74} 216 समवायांग सूत्र (गुटका संस्करण) आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2048 (अ.) 380 (E) {सम.सूत्र मूल) (दे.ना.} {175} अमदावाद संपा.-कन्हैयालालजी मुनि (कमल) समवायागसूत्रम् (सम.सूत्र सह | जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2051 164 (P) अभय. टीका) (दे.ना., गु.) [T, S] ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) {175, 176) समिति 21845 आगमसुत्ताणि [समवाओ) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 80 (C) | {सम.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {175) 219 समवायाग सूत्र (सम.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म संपा. नेमिचंदजी बांठिया, 2054 (1) 424 (B) वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) शब्दार्थ, जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया | अनु., विवे.} {दे.ना.) [T] {रत्न 86} {175, 181} 220 समवायांग सूत्र (सम.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 408 (B) 214 217 (प.म.
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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