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क्र.
70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि)
| प्रकाशक ( ग्रंथमाला }
संपादक, संशोधक आदि
| प्रकाशन नाम एवं परिचय
| महा. सूत्र मूल} भाग 23 (दे. ना., गु. } {786, 817, 818, 819, 867, 869}
1520 आगम सुत्ताणि (सटीकं)
(ओघनियुक्तिः, पिण्डनिर्युक्तिः) (ओ.नि. सूत्र सह भाष्य, द्रोणाचार्यजी कृत टीका; पिंड सूत्र सह भाष्य, मलय.
| टीका} भाग 26 (दे. ना., गु.} {1167,
1168, 1171, 1444, 1445, 1446)
1521 आगम सुत्ताणि (सटीकं) {वि. सूत्र और आगम श्रुत प्रकाशन
औप सूत्र सह अभय. टीका, राज. सूत्र
| सह मलय. टीका} भाग 8 (दे.ना., गु. } {481, 482, 515, 516, 535, 536)
1522 आगम सुत्ताणि (सटीकं) {सूर्य सूत्र, चंद्र. सूत्र सह मलय. टीका) भाग 12 {दे. ना., गु.} {611, 612,641, 642)
1523 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (निर. सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, चतुः प्रकी. सूत्र आदि 10 सूत्र | सह सोमसुंदरसूरिजी आदि कृत | टीका / सागरानंदसूरिजी कृत छाया) भाग 14 ( दे. ना., गु.} {647, 648,
672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746, 1186, 1190, 1209, 1212, 1228, 1230, 1235, 1236, 1243, 1244, 1262, 1263, 1266, 1267, 1271, 1272, 1477, 1478, 1494, 1495)
1524 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (ज्ञाता. सूत्र, उ. द. सूत्र, अं. द. सूत्र, अनु. द. सूत्र, प्रश्न. सूत्र सह अभय टीका} भाग 7 {दे. ना., गु.} {283, 284,324, 325, 371, 372, 416, 417, 451, 452)
| 1525 निर्युक्तिपंचक [NIRYUKTI
| आगम श्रुत प्रकाशन
| PAMCAKA] {आचा. सूत्र, दश. सूत्र, उत्त. सूत्र, सू. कृ. सूत्र, दशाश्रु. सूत्र की | निर्युक्ति सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु., दश. सूत्र की लघु निर्यु., भाष्य और उत्त. सूत्र का भाष्य } भाग 3 [ दे.ना. } [T, S] [2, 50, 79, 124, 818, 834, 877, 878, 989, 1021, 1022, 1023, 1094}
आगम श्रुत प्रकाशन
आगम श्रुत प्रकाशन
आगम श्रुत प्रकाशन
जैन विश्व भारती
संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी
संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी
संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी
संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी
संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी
प्रधान संपा. - महाप्रज्ञजी आचार्य
| संपादिका कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ.
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
| 2056 (अ.) 432 (C)
2056 (3T) 368 (C)
2056 (अ.) 336 (C)
2056 (3T.) 400 (C)
2056 (3T.) 544 (C)
2056 (1) 854 (B)