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________________ 98 क्र. 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 | प्रकाशन नाम एवं परिचय [S] {1} आधारांगसूनां (धृताध्ययननां) व्याख्यानो आचा. सूत्र के रामचंद्रसूरिजी कृत (गु.) प्रय. 266 [ श्रु. 1 अ. 6 ]} भाग 1-14 (गु.) {62} | आचाराङ्गसूत्रम् ( आचा. सूत्र सह निर्युक्ति, जयप्रभविजयजी कृत छाया, (हिं.) अनु., शीलांकी टीकानु., विवे. [श्रु.1]] भाग 1-3 (दे. ना.} {1, 2, 15, 36, 53) आचाराङ्ग सूत्रम् (द्वितीय : | श्रुतस्कन्धः) (आचा. सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका [श्रु.दूसरा ]} (थाणा) {दे.ना.} {1, 18} | आचाराङ्गसूत्रम् {आचा. सूत्र सह | आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे. और [श्रु. 1 अ. 2] का शिवमुनिजी कृत अंशसंग्रह विवेचनयुक्त भाग 1-2 (दे. ना.) [T, S] {1, 11, 21, 72} आचारांगसूत्रम् (द्वितीय श्रुतस्कंध ) {आचा. सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका, विक्रमसेनविजयजी कृत (गु. हिं.) टीकानु, [श्रु. दूसरा]] [[दे.ना. गु.) {1, 18, 58, 59) आयारंग सुत्तं (पढमो सुयक्खंधो) [आचारांग सूत्र ] ( प्रथम श्रुतस्कंध ) आचा. सूत्र मूल (श्रु.1)) (दे.ना.) [T] {1} आचारांगसूत्र ( आचा. सूत्र का सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत (गु.) अनू विवे. [श्रु.1]} {गु.} [T] {41} आचारांगसूत्र आचा. सूत्र सह | पारसमल चंडालिया कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.) भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] {1, 20} आचाराङ्ग सूत्रं {आचा. सूत्र मूल} दे.ना.. गु.] [5] (1) धीर प्रवचन धारा (आगमनो बोध आत्मानी शोध) {आचा. सूत्र के धीरज मुनिजी कृत (गु) प्रव.65) (गु.) (64) 1. आचारांगसूत्र | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } सन्मार्ग प्रकाशन (रामचंद्रसूरि स्मृति | ग्रंथमाला 111 ) पोरवाड जैन आराधना भवन संघ, भिवंडी | राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिंदी प्रकाशन (पुष्प 1} आत्म ज्ञान श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति, भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट | भुवनभद्रंकर साहित्य प्रचार केन्द्र, मद्रास संपादक, संशोधक आदि संपा. चंद्ररत्नसागरसूरि संपा. कीर्तियशसूरि संपा. कुलचंद्रसूरि (#) वर्धमान वैयावच्च केन्द्र | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. रमेशभाई लीलाधर हरिया, 2058| सह संपा. हितेशचंद्रविजयजी, | दिव्यचंद्रविजयजी 2057 296+296+ 2068 (3T) 368...=4536 | (c) 2058 (1) संपा. शिवमुनिजी आचार्य डॉ.. 2059 (2) सह संपा. शिरीषमुनि, पूर्व संशो. पूर्व संपा. समदर्शीजी मुनि संपा. - नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा. - सागरानंदसूरि संपा. धीरज मुनि 360+510+ 2061 (अ.) 361=1231 | (B) | संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि 2059 (अ.) 456 (B) संताजी जन्मशताब्दी पूर्व संपा. सौभाग्यचंद्रजी मुनि 2060 (4) महोत्सव समिति (P) (#) | महावीर साहित्य प्रकाशन मंदिर (#) अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ { रत्न 121 } जैनानंद पुस्तकालय |144 (C) 2059 (1) 112 (D) 20602061 (1) 1016+549= | 1565 (B) 2061 (1) 464 (C) 364+332= 696 (B) 142 (P) 2061 (3T) 264 (D)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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