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________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 1474 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) { संस्ता. प्रकी. सूत्र आदि 6 प्रकी. सूत्र, निशीथसूत्रादि 5 छेदसूत्र एवं महा. सूत्र (अ.3) का दीप. कृत (हिं.) अनु.) भाग 10 दे.ना., गु.) (780, 790, 808, 829, 857, 872, 1241, 1260, 1265, 1270, 1281, 1487} अनु.) भाग 11 दे.ना., गु. } {790, 1148, 1177, 1448) 1475 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (महा. सूत्र श्रुत प्रकाशन निधि (अ. 4-6, चू. 2), आव. सूत्र, ओ.नि. सूत्र ओर पिंड सूत्र का दीप. कृत (हिं.) 1476 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (दशवेकालिक, उत्तराध्ययन, नंदी, अनुयोगद्वार) (दश सूत्र, उत्त. सूत्र नंदीसूत्र, ल.नं. सूत्र, यो.नं. सूत्र और अनु. सूत्र का दीप कृत (हिं.) अनु.) भाग 12 {दे.ना., गु.} {969, 1078, 1313, 1314, 1315, 1348} - | 1477 | Mahavira's Words by Walther | Schubring आचा. सूत्र (श्रु.1), सू. कृ. सूत्र (श्रु. 1 अ. 4, 12वाँ, श्रु.2 अ. 2) सह वॉल्टर शुब्रींग के अनु. का W. Bollee और J. Soni कृत (अं.) भाषां.) (रो.) [T, S] {1, 38, 117} 1478 छेद सूत्र (सचित्र) (दशाश्रुतस्कंध, बृहत्कल्प, व्यवहार) ILLUSTRATED CHHED SUTRA | [Dashsashrut Skandh, Brihat Kalp, Vyavahar] दशाश्रु. सूत्र, बृ.क. सूत्र, व्यव. सूत्र सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. और | उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां. }{दे.ना. रो. }{793, 809, " 810, 817, 830, 831, 840, 859, 860) | 1479 JAINA SUTRAS ACHARANGA | AND KALPA SUTRA ( आचा. सूत्र | और कल्पसूत्र का हर्मन जेकोबी कृत (अं.) अनु.) (से.) [T] {24, 1385) आगम प्रकाशन परिचय 1480 चतुःशरणादिमरणसमाध्यन्तं प्रकीर्णक- दशकं (छायायुतम्) चतुः प्रकी, सूत्र आदि 10 प्रकी. सूत्र | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } श्रुत प्रकाशन निधि श्रुत प्रकाशन निधि | लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर {ला. द. ग्रंथ श्रेणि 139 } | पद्म प्रकाशन, दिल्ली { आगम प्रकाशन माला 17} Shree Publishers & Distributors, (P) Oxford University Press आगमोद्धारक श्रुतसेवा समिति, (P) आगमोदय | समिति (श्रेणी 46 } संपादक, संशोधक आदि संपा, दीपरत्नसागरजी (0) संपा. दीपरत्नसागरजी (#) संपा. दीपरत्नसागरजी (1) | संपा. -जितेन्द्र बी. शाह प्रधान संपा. अमरमुनिजी | उपप्रवर्तक, सह संपा. श्रीचंद | सुराणा, चित्र, त्रिलोक शर्मा डॉ. | संपा. - Kanhaiyalal Chancharik, Mahesh K. Jain Dr., पूर्व संपा. -F. Max muller संपा. सागरानंदरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2058 (3T.) 240 (C) 2058 (3T.) 240 (C) 2058 (3T.) 240 (C) | 2060 (1) 312 (B) 2061 (1) 616 (B) 2062 (1) 344 (C) 2063 (पु.मु.) 239 288 (P)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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