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आगम प्रकाशन परिचय
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प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) अध्ययन [UTTARADHYAYAN: महासभा {आगम EK SAMIKSHATMAK
| अनुशीलन ग्रंथमाला 2} ADHYAYAN] {उत्त.सूत्र का महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) शोधग्रंथ)
{दे.ना.} [T, S] {1017} 735 मोक्षमार्ग प्रवचन (उत्त.सूत्र सह शामजी वेलजी विराणी अप्रदर्शित
2025 (1) 580 (B) पारस मुनिजी कृत छाया, (गु.) स्था. जैन धार्मिक शिक्षण पद्यानु., अनु., विवे.
संघ (अ.28वाँ-गाथा-14)} (ग..दे.ना.)
{876, 921,979,982) 736 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त.सूत्र सह कर्मसिंहजीस्वामी संपा.-रत्नचंद्रस्वामी
2026 (अ.) 528+500%D रत्नचंद्रजी मुनि कृत छाया, ज्ञानभंडार समिति
1028 (P) सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत (गु.) अनु., विवे.} भाग 1-2 {दे.ना., गु.)
{876,922,978) 737 उत्तराध्ययन-सूत्र : एक परिशीलन सोहनलाल जैन धर्म संपा.-सुदर्शनलालजी जैन (#) | 2026 (अ.) 552 (C)
{उत्त.सूत्र का सुदर्शनलालजी जैन डॉ. प्रचारक समिति (पार्श्व. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) {दे.ना.) [T,s] विद्या. ग्रंथ. 15)
{1016) 738 आध्यात्मिक प्रवचनो (मोक्षमार्गनो जैन श्वे.स्थानकवासी संपा.-केवलदासजी मुनि 2027 (2) 540 (B)
अधिकार) [उत्तराध्ययन सूत्र, मोटो संघ, ध्रांगध्रा अध्ययन 28मुं। {उत्त.सूत्र के केशव मुनिजी कृत (गु.) प्रव.118
(अ.28वाँ)} {गु.} {999) 739 शारदा-परिमल (उत्तराध्ययन जीवणलाल पदमशी संपादिका-कमळाबाई 2028 (अ.) 840 (B) सूत्र-अध्ययन 14मुं) (छ जीवनो संघवी
महासतीजी अधिकार) (उत्त.सूत्र के शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.114
(अ.14वाँ)} {गु.} {1003} 740 उत्तराध्ययन सूत्र अथवा भगवान केसरबेन शांतिलाल संपा.-जीवणलाल छगनलाल 2029 (3) |372 (D)
महावीरनी अंतिम देशना (उत्त.सूत्र सह कोठारी पालनपुरवाळा संघवी दयामुनिजी कृत (गु.) अनु.} {गु.)
{876, 956) 741 उत्तराध्ययन सूत्र (सचित्र) {उत्त.सूत्र श्रमणी विद्यापीठ। संपा.-दुर्लभजी केशवजी 2029 (अ.) 370 (B)
सह चंदनाजी दर्शनाचार्या के अनु. का प्रभावती चुनीलाल खेताणी (#) दुर्लभजी खेताणी कृत (गु.) भाषां.) वेकरीवाळा {गु., दे.ना.} {876, 958} उत्तराध्ययन सूत्रका चरितानुवाद धर्मदास जैन मित्र मंडल संपा.-वसंतकुमारजी जैन 2030 (2) 72 (P) {उत्त.सूत्र सह विनयमुनिजी कृत (हिं.)
(अ.) | अनु. (अ.19-23, 25वाँ)} {दे.ना.}
{876,945) 743 | उत्तराध्ययन सूत्रम् (उत्त.सूत्र सह स्थानकवासी कमिटी जैन संपा.-डुंगरशी मुनि
2031 (1) 350 (B) डुंगरशी मुनिजी कृत टिप्पणयुक्त संघ, {गुलाबवीर ग्रंथमाला (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.)
रत्न 65) {876,959)