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आगम कृति परिचय
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क्र. स्वरूप पे. | कर्ता
संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र.
गाथा 6 (चिहुं दिसथी चारे...हे पाटणपरसिद्ध (पाटणनगर
मझार) ।।6।।} {1774, 1784} 10 ज्ञानविमलसूरि
वि. 1728# मदनरेखा की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 13 {नयर
सुदर्शन मणीरथ...ज्ञानविमल अनुबंधेजी 13} {1759,
1792) 900 उदयविजयजी उपाध्याय वि. 1714# 'प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 36 {पवयण
देवी चित्त...नव निधि थाय।1811) {707, 1769, 1770, 1771,
1782=5} 901 12| जिनहर्षसूरि
वि. 1729 शीयलनी नव वाडनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 11 /
सर्वगाथा 98 {श्री नेमीसर चरण...जुगति नव वाडि। 198।।)
{1784} 13 | रामविजयजी उपाध्याय वि. 17702 'प्रत्येक अध्ययन की' * (ग.) * पद्य - सज्झाय 36 {श्री
जंबुमुनि विनव्या...भणतां, मंगलमाला थाय।।७।।)
{1784} 903 14 रूपविजयजी
सदी 18वीं # | केशी गौतम गणधर सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 16 {ए दोय
गणधर...गुण गाय ए दोय०111611) {1430, 1769, 1776,
1781,1782,1784-6 1904 | 15 रायचंद मुनि
| वि. 1836 आषाढभूतिमुनि सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5 ।
सर्वगाथा 80 {दर्शन परीसह बावीशमो, ...जाणो धाय हो.
भ.स. 13} {1749, 1784) 905 16 मुकुंद मोनाणी
वि. 1840 शीयलनी नव वाडनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 9/
सर्वगाथा 97, कळश 17 {श्री सरस्वती समरूं...धन्य शीयल
सोहामणं।।1711) {1784} 906 17 रायचंद मुनि
वि. 1836# परीषह की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 8 / सर्वगाथा 82
{श्री आदीश्वर आदिदेव, ...भवनो छेह लह्योजी.
स्त्री०।।17 ||} {1784} 907 18 जेठमलजी मुनि
वि. 18792 चित्तसंभूति मुनि सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 23 {चित्त कहे
ब्रह्मरायने, ...जाण्या हो बंधव०112311} {1749,1768, 1769,
178434} 908 19 | उत्तमविजयजी
वि. 1881# प्रदेशीराजाना 10 प्रश्ननी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 18
{प्राणी। भवसागर...नित्य जयकार हों प्रदेशीराजा।।18।।)
{1782,1784) 909 छत्रीशी (9) पार्श्वचंद्रसूरि
वि. 15542 उत्तराध्ययन छत्रीसी * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 14 / सर्वगाथा
139 {वीर जिणेसर पय...लहिये रंगभरे. 139} {1753} 910 गीत (10) 1| समयसुंदरजी उपाध्याय | | वि. 16542 दशार्णभद्र गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 9 {मुगध जन
वचन...नामथी निस्तरीजइ।।।।ध०11) {1774) 2 | समयसुंदरजी उपाध्याय | वि. 1654# मृगापुत्र गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 7 {सुग्रीव नगर
सोहामj...ए मोटउ अणगार।मा.11711} {1774) 912 3| समयसुंदरजी उपाध्याय | | वि. 16542 संयती साधु गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 11 (कंपिल्ला नगरी
धणी, ...हुयइ निस्तारो रे।।1111} {1774) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1670 नव-वाड-शील गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 13 (नव बाडि
सेती...प्रसाद रे। नव.1131} {1774}
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