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68. आगम (एकाधिक मूलसूत्र)
क्र.
प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) विवागसुयं) {उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, (पुष्प 10-14) (पुष्फभिक्खु) अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र और वि.सूत्र मूल} {दे.ना.} {324, 371, 416, 1451,481)
आचारांग सूत्रम् तथा दशवैकालिक ठाकरशी करसनजी शाह संपा.-ठाकरसीभाई करसनजी |2019 (अ.) 299 (C) सूत्रम् {आचा.सूत्र और दश.सूत्र | {गुलाबवीर ग्रंथमाला शाह (2) (अ.10) मूल} {दे.ना., गु.}
रत्न 52} {1, 1020} 1360 नवस्मरणादिसंग्रह (नंदीसूत्र, सुशीलाबेन शाह संग्रा.-विचारश्रीजी,
2020 (अ.) 240 (D) चतुः.प्रकी.सूत्र, परमाणुखंड
दमयंतीश्रीजी षट्त्रिंशिका, पुद्गल षट्त्रिंशिका मूल
आदि) {दे.ना.} {585, 1186, 1209,
| 1283, 1513) 1361 जैन धर्म प्रकरण रत्नाकर सुरेन्द्रसूरिजी जैन संपा.-रामसूरि
2022 (अ.) 598 (D) {चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र, तत्त्वज्ञानशाला शत्रुजय लघुकल्प, पुन्य-प्रकाश स्तवन, दश.सूत्र मूल आदि} {गु.) [T] {1020,
1186, 1209,1513) 1362 दसवेआलियं तह उत्तरज्झयणाणि जैन श्वेतांबर तेरापंथी संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2023 (अ.) 828 (C)
{दश.सूत्र और उत्त.सूत्र मूल} {दे.ना.) महासभा {आगम सुत्त [[T, S] {876, 1020}
ग्रंथमाला ग्रंथ 1) 1363 आगम स्वाध्याय मणिमाला (वीरत्थुई वर्द्धमान जैन ज्ञानपीठ संपा.-भगवतीलालजी मुनि 2023 (अ.) 342 (D)
एवं मोक्षमार्ग अध्ययन, दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा),
औप.सूत्र (अंतिम 22 गाथाएँ), दशाश्रु.सूत्र (अ.5वाँ), चतुः.प्रकी. सूत्र मूल आदि} {दे.ना.} {416, 481, 515, 817, 876, 1020, 1186,
| 1283) 1364 उत्तराध्ययनादि सूत्र संग्रह {उत्त.सूत्र, समरतबेन झवेरी संपा.-रामचंद डी.शाह मास्तर 2023 (1) 272 (D)
दश.सूत्र, चतुः प्रकी.सूत्र,
आ.प्र.प्रकी.सूत्र मूल} {गु.} {876,
1020, 1186, 1209) 1365 नंदिसुत्तं अणुओगद्दाराइंच
महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-पुण्यविजयजी 2024 (1) 762 (B) [NANDISUTTAM AND
{जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर), ANUOGADDARAIM] {नंदीसूत्र, ग्रं.1}
संपा.-दलसुखभाई मालवणिया ल.नं.सूत्र, यो.नं.सूत्र और अनु.सूत्र
पंडित, अमृतलाल मोहनलाल मूल) (दे.ना., गु., रो.} [T, S]
भोजक पंडित {1283, 1284,1285,1329) | 1366 |जैनागम पाठमाला (दश.सूत्र, सन्मति ज्ञानपीठ संक.-अमोलकचन्द्रजी, 2030 (1) 378 (C)
उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा), {जैनागम ग्रंथमाला 7} संशो. नेमिचंद्र मुनि, श्रीचंद
औप.सूत्र (अंतिम 22 गाथाएँ), दशाश्रु.सूत्र (अ.5वाँ), वीरत्थुई मूल आदि} {दे.ना.} {481, 515, 817, 876, 1020, 1283}