________________
आगम प्रकाशन परिचय
225
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) ।
2 031 (अ.) 216 (B)
2031 (1)
150 (B)
2032 (अ.) |152 (B)
1371
| 2032 (अ.) 512 (B)
क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1367 आगमसुधासिंधुः {आचा.सूत्र, हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र और सम.सूत्र मूल) |{ग्रं. 68) विभाग 1(दे.ना.} [S] (1,78, 136,
175) 368 आगमसुधासिन्धुः (दश.सूत्र, पिंड.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
सह भाष्य, उत्त.सूत्र मूल} विभाग 13 |{ग्रं.75) {दे.ना.) [] 1876, 1020, 1167,
1168} 1369 आगमसुधासिंधुः {चतु.प्रकी.सूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
आ.प्र.प्रकी.सूत्र आदि 10+2 प्रकी.सूत्र | {I. 75} मूल) विभाग 8(दे.ना.) [S] {1186, 1209, 1228, 1235,1243, 1254, 1262, 1266, 1271, 1278, 1477,
1494) 1370 आगमसुधासिंधुः (नंदीसूत्र और हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
अनु.सूत्र मूल विभाग 14 {दे.ना.} [s] {I.76} {1283, 1329) आगम सुधा सिंधु {ज्ञाता.सूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, {ग्रं. 66) प्रश्न.सूत्र और वि.सूत्र मूल} विभाग 4(दे.ना.) [S] {283, 324,
| 371, 416, 451, 481) 1372 दसवेयालियसुत्तं उत्तरज्झयणाई महावीर जैन विद्यालय संपा.-पुण्यविजयजी आवस्सयसुत्तं च
{जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर), अमृतलाल DASAVEYALIYSUTTAM
मोहनलाल भोजक पंडित UTTARAJHAYANAIM AND AVASSAYASUTTAM (दश.सूत्र, उत्त.सूत्र और आव.सूत्र मूल} {दे.ना., गु., रो.) [T, S]
{876, 1020, 1116} 1373 आगमसुधासिंधु {औप.सूत्र, राज.सूत्र हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
और जीवा.सूत्र मूल) भाग 5 {दे.ना.} {I. 72}
[[S] {515, 535, 561} 1374 आगम-सुधा-सिंधुः {निशीथसूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि बृ.क.सूत्र, पञ्च.भाष्य, व्यव.सूत्र,
{ग्रं.76) दशाश्रु.सूत्र और जीत.सूत्र मूल} विभाग9 (दे.ना.} {768,793,817,
840,867,1442} 1375 आगम-सुधा-सिन्धुः {जंबू.सूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
चंद्र.सूत्र, सूर्य.सूत्र और निर.सूत्र {ग्रं.74} आदि 5 सूत्र मूल (कुल 8 सूत्र)} विभाग 7 {दे.ना.} [S] {611, 623,
641,647, 672, 697, 722,745) 1376 स्वाध्याय पुष्प सौरभ {दश.सूत्र, घेलाभाई करमचंद अप्रदर्शित
चतुः प्रकी.सूत्र, नवस्मरण, प्रकरण, सेनेटोरियम्
2033 (1) |756 (B)
ग्रं. 15)
2033 (अ.) 456 (B)
|2034 (2)
290 (B)
(अ.)
2034 (अ.) 530 (B)
2036 (2)
428 (D)