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________________ 164 प्रकाशन नाम एवं परिचय अनु. } भाग 1-4 (गु., दे.ना. } {876, 948) 767 (सचित्र) उत्तराध्ययन सूत्र | (ILLUSTRATED) क्र. UTTARADHYAYANA SUTRA {उत्त. सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका व्रजमोहनजी जैन डॉ. कृत (अं.) भाषां.} {दे.ना., रो.} {876, 962, 963) 768 उत्तराध्ययन सूत्र चिंतनिका । उत्त सूत्र का वाचंयमाश्रीजी कृत अंशसंग्रह (गु.) विवे. युक्त} {गु.} {1014} 1769 On Rahanemi [Chapter Xll of the UTTARADHYAYANA |SUTRA] {उत्त. सूत्र सह बी. के. खाडाबाडी कृत (अं.) अनु., शशिकांत झा कृत (हिं.) पद्यानु, चंदनाजी दर्शनाचार्या कृत अनु. ( अ. 22वाँ ) } {दे. ना., रो.} {876, 964, 976,988 770 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत छाया, (गु.) अनु. (अ. 18)} भाग 1 (गु., दे. ना.} {876, 919, 957) 771 उत्तराध्ययन सूत्रम् (उत्त. सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, चूर्णि, भावविजयजी उपा., नेमिचंद्रसूरिजी, शांतिसूरिजी, लक्ष्मीवल्लभ उपा., कमलसंयम उपा. कृत टीकाएँ भाग 1-5 [ दे. ना.) [T. S] (876, 877, 878, 879, 880, 881, 883, 884, 885} 772 उत्तराध्ययन सूत्र ( उत्त. सूत्र मूल) [[दे.ना.] (876) 773 कमल दिव्य इन्दु स्वाध्याय सौरभ (उत्तराध्ययन सूत्र) (उत्त. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु. (अ. 18)} भाग 1 {गु., दे.ना. } {876, 919, 957} 774 पमाय द्वाणं प्रमादस्थानम् (उत्तराध्ययन सूत्रनुं 32 मुं अध्ययन) {उत्त. सूत्र सह रविन्द्र मुनिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु., पद्यानु., विवे., (अं.) अनु. (अ.32वाँ)} {गु., रो.} {876, 924, 960, 980, 986} 30. उत्तराध्ययनसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला} आत्मज्ञानपीठ प्राकृत भारती अकादमी { पुष्प 87 } लब्धिविक्रमसूरीश्वरजी संपा. राजवशसूरि संस्कृति केन्द्र, अमदावाद भुवनभद्रंकर साहित्य प्रचार केन्द्र, मद्रास संपादक, संशोधक आदि अप्रदर्शित संपा, अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, 2048 (अ.) 578 (B) सह संपा. श्रीचंद सुराणा, | चित्र. पुरुषोत्तमसिंह सरदार प्रधान संपा. -विनयसागरजी महोपाध्याय, | संपा. श्री. के. खडबडी डॉ. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि (ग्रं. 260) गढसिवाना तपागच्छ जैन संपा. जितेन्द्रसूरि संघ अतुल मोहनलाल जैन संपा. हेमप्रभसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि 2049 (3) अप्रदर्शित 2048 (2) 2049 (1) 20492051 (1) 2052 (1) 304 (D) 2052 (#) (अ.) 70 (D) 304 (C) 2050 (अ.) 332 (D) 834+630+ 576...= |3592 (P) 296 (D) 208 (D)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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