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इक्कीस शबल दोष *****RAAAAAAAAAAAAAAAAAAAAA**************************
एवं ससिणिद्धाए पुढवीए एवं ससरक्खाए पुढवीए॥१६॥
एवं आउट्टियाए चित्तमंताए सिलाए चित्तमंताए लेलूए कोलावासंसि वा दारुए . जीवपइट्ठिए सअंडे सपाणे सबीए सहरिए सउस्से सउदगे सउत्तिंगे पणगदगम(ट्टिय)ट्टीए मक्कडासंताणए तहप्पगारं ठाणं वा सिज्जं वा णिसीहियं वा चेएमाणे सबले॥१७॥
आउट्टियाए मूलभोयणं वा कंदभोयणं वा खंधभोयणं वा तयाभोयणं वा पवालभोयणं वा पत्तभोयणं वा पुप्फभोयणं वा फलभोयणं वा बीयभोयणं वा हरियभोयणं वा भुंजमाणे सबले॥१८॥
अंतो संवच्छरस्स दस दगलेवे करेमाणे सबले॥१९॥ अंतो संवच्छरस्स दस माइट्ठाणाई करेमाणे सबले॥२०॥
आउट्टियाए सीओदयवियडवग्घारिय (पाणिणा)हत्थेण वा मत्तेण वा द(विण्ण)व्वीए वा भायणेण वा असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहित्ता
भुंजमाणे सबले ॥२१॥ .. एए खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं एगवीसं सबला पण्णत्ता॥२२॥त्ति बेमि॥
॥बिइया दसा समत्ता॥ २॥ कठिन शब्दार्थ - सबला - शबल दोष, हत्थकम्मं - हस्तकर्म - हस्त मैथुन, करेमाणे - करता हुआ, मेहुणं - मैथुन - संभोग, पडिसेवमाणे - सेवन करता हुआ, राइभोयण - रात्रि भोजन, भुंजमाणे - खाता हुआ, आहाकम्मं - आधाकर्मिक आहार, रायपिंडं - राजा के यहाँ से प्राप्त आहार, उद्देसियं - औद्देशिक - साधुओं को देने के उद्देश्य से बनाया हुआ, वा - अथवा, कीयं - क्रीत - खरीदा हुआ, पामिच्चं - उधार लाया हुआ, अच्छिज्ज - छीना हुआ, अणिसिटुं - अनिसृष्ट - बिना आज्ञा के लाया हुआ, आहट्ट दिज्जमाणं - साधु के स्थान पर लाकर दिया हुआ, अभिक्खणं-अभिक्खणं - क्षण-क्षणपुनः-पुनः, पडियाइक्खेत्ताणं - प्रत्याख्यान या त्याग करके, अंतो - भीतर, छह मासाणंछह महीनों के, गणाओ - गण से - साधु संघ से, संकरमाणे - संक्रमण करता हुआ - जाता हुआ, अंतो मासस्स - एक महीने के भीतर, तओ - तीन बार, दगलेवे - उदक लेप - जल स्पर्श करता हुआ - नदी-नाले आदि पार करता हुआ, माइट्ठाणे - माया स्थान
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