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महीधरोंसे अर्थात् पर्वतोंसें सेवित है । जिसप्रकार राजा कुलीन उत्तमवंशका होता है, उसीप्रकार यह जबूंदीप भी कुलीन अर्थात् (कु) पृथ्वीमें लीन है और जिसप्रकार राजा शुभस्थिति वाला होता है उसीप्रकार यह भी अच्छी तरह स्थित है, तथा राजा जिसप्रकार रामालीन अर्थात् स्त्रियोंकर संयुक्त होता है, उसीप्रकार यहभी, रामालीन, अनेक बन उपबनोंसे शोभित है । जिसप्रकार राजा महादेशी अर्थात् बड़े बड़े देशोंका स्वामी होता है उसीप्रकार यहभी महादेशी अर्थात् विस्तीर्ण है, यद्यपि यह द्वीप नदीनजड़संसव्यः अर्थात् उत्कटजड़ मनुष्योंसे सेवित है तथापि 'नदीनजड़संसेव्यः' अर्थात् समुद्रोंके जलोंसे वेष्टित है इसलिये यह उत्तम है । यद्यपि यह जबूंद्वीप, निम्नगास्त्रीविराजितः, अर्थात् व्यभिचारिणी स्त्रियोंकर साहत है तथापि अनिम्नगास्त्रीविराजितः अर्थात् पतिव्रता स्त्रियोंकर शोभित है इसलिये यह उत्तम है। तथा यद्यपि यह द्वीप द्विजराजाश्रितः अर्थात् वरुणसंकर राजाओं के आधीन है तोभी उत्तम ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्योंका निवास स्थान होनेके कारण यह उत्तमही है। और पर्वतोंसे मनोहर, पुण्यवान उत्तमपुरुषोंका निवासस्थान, यह जम्बूद्वीप अनेकप्रकारके उत्तम तलावोंसे, तथा बड़े बड़े कुंडोंसे तीनोंलोकमें शोभित है। जिस जम्बूद्वीपकी उत्तम गोलाई देखकर लज्जित व दुःखित हुवा, यह मनोहर चंद्रमा रात दिन आकाशमें घूमता फिरता है । तथा जिसप्रकार लोक अलोकका
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