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अनरजिस्टर्ड
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अनागत
अनरजिस्टर्ड-अं० अपंजीकृत
अनवसान-सं० (वि०) 1 अंत रहित 2 मृत्यु रहित 3 जिसकी अनरस-I(पु०) 1 रस रहित 2 रूखाई 3 रोष 4 दुःख II समाप्ति न हो (वि०) नीरस
अनवसित-सं० (वि०) जो अस्त न हुआ हो अनरितु-(स्त्री०) बिना ऋतु की (वर्षा)
अनवस्कर-सं० (वि०) मलरहित, शुद्ध अनरीति-हिं० सं० (स्त्री०) 1 कुरीति 2 अनुचित व्यवहार अनवस्थ-सं० (वि.) 1 अस्थिर 2 अव्यवस्थित 3 डाँवाडोल अनर्गल-सं० (वि०) 1बे-सिर-पैर का 2 अनियंत्रित अनवस्था-सं० (स्त्री०) 1 अव्यवस्था 2 अस्थिरता 3मनमाना
3चरित्रभ्रष्टता अनर्घ-I सं० (वि०) अमूल्य II (पु०) अनुचित मूल्य । अनवस्थान-सं० (पु०) 1 अनिश्चितता 2 आचरणभ्रष्टता
क्रय (पु०) अधिक या कम मूल्य पर खरीदना; विक्रय अनवस्थित-सं० (वि.) 1 अस्थिर 2 चंचल चित्त (पु०) अधिक या कम लागत पर बेचना
अनवस्थिति-सं० (स्त्री०) 1 चापल्य 2 अधैर्य 3 निराश्रय अनर्थ्य-सं० (वि०) 1 कम कीमत का 2 निर्मूल्य 3 पूजा के 4 अशांत 5 अव्यवस्थित अयोग्य
अनवहित-सं० (वि०) 1 असावधान 2 लापरवाह अनर्जित-सं० (वि०) 1 न कमाया हुआ 2 अप्राप्त। -आय अनवासना- (स० क्रि०) नयी वस्तु का पहली बार प्रयोग (स्त्री०) बिना कमाया हुआ धन या पूँजी
करना (बर्तन, वस्त्र आदि) अनर्थ-I सं० (वि०) 1 अर्थहीन 2 भित्र अर्थवाला II (पु०) अनवाँसा-(पु०) कटी हुई फसल का पूला 1 उल्टा अर्थ 2 अर्थहानि 3 नैराश्यजनक घटना 4 विपत्ति, अनवासी-(स्त्री०) विस्वाँसी का बीसवाँ भाग (खेत) अनिष्ट । ~कारी (वि०) अनिष्ट करनेवाला; ~त्व (पु०), | अनवाप्त-सं० (वि०) अप्राप्त -दर्शी (वि०) अहित सोचनेवाला
अनवाप्ति-सं० (स्त्री०) प्राप्ति का अभाव अनर्थक-I सं० (वि.) 1 अर्थरहित 2 निष्पयोजन 3 अहितकर अनवेक्ष, अनवेक्षक-सं० (वि०) 1 बे परवाह 2 उदासीन __II (पु०) असंबद्ध बात
अनवेक्षण-सं० (पु०), अनवेक्षा सं० (स्त्री०) 1 लापरवाही अनर्थापद-सं० (पु०) अनर्थ होने की संभावना
2 अनदेखी अनर्थी-सं० (वि०) अहित कामना करनेवाला
अनशन-सं० (पु०) आहार त्याग, उपवास। कारी (वि०) अनर्थ्य-I सं० (वि०) बेमतलब II (पु०) अर्थहीन बात उपवास करनेवाला; व्रत उपवास, भूख-हड़ताल अनर्ह-सं० (वि०) 1 अयोग्य 2 अनुपयुक्त
अनश्वर-सं० (वि०) 1 सनातन 2 ध्रुव 3 अविनाशी अनहींकरण-सं० (पु०) अपर्याप्त एवं अयोग्य ठहराना अनसखरी-(स्त्री०) पक्की रसोई अनल-सं० (पु०) 1 अग्नि 2 पेट की अग्नि, पाचन-शक्ति अनसहन-(वि०) असहनशीला अनलस-सं० (वि०) 1 आलस्य रहित 2 अयोग्य 3 असमर्थ अनसुना-(वि०) जो सुना न गया हो। अनसनी करना अनहलहक-अ० (पु०) मैं सत्य हूँ
जानबूझकर उपेक्षा करना अनल्य-सं० (वि०) अधिक। ~घोष (पु०) अत्यधिक अनसुलझा-बिना सुलझा हुआ (अनसुलझी समस्या) शोरगुल, ~मान (वि०) अत्यधिक सम्मान
अनसूय-सं० (वि०) दूसरों के दोषों को न देखनेवाला अनवकाश-सं० (पु०) फुरसत या गुंजाइश का अभाव | अनस्तमित-सं० (वि०) 1जो अस्त न हुआ हो 2 अविनाशी अनवगत-सं० (वि०) अज्ञात या न जाना हुआ
अनस्तित्व-सं० (पु०) अस्तित्व का अभाव अनवगाह-सं० (वि०) अथाह, अगाध
अनहद-(वि०) दे० अनाहत अनवगीत-सं० (वि०) 1 अनिंद्य 2 अनिदित
अनहआ-(वि०) जो घटित न हुआ हो अनवग्रह-सं० (वि०) अनियंत्रित या स्वच्छंद
अनीता-(वि.) 1 निर्धन 2 अलौकिक 3 असंभव अनवच्छिन्न-सं० (वि०) 1 अखंडित 2 अपरिसीमित अनहोना-(वि०) सहसा न होनेवाला अनवट-(पु०) 1 पैर का एक आभूषण 2 बैल की आँख का अनहोनी-I (वि०) असंभव II (स्त्री०) न होनेवाली ढक्कन
अनाई-पठाई-(स्त्री०) बुलवाने और भेजने की क्रिया अनवद्य-सं० (वि०) निदोष
अनाकर्ष-सं० (पु०) खिंचाव का अभाव अनवद्यांग-सं० (वि०) सुंदर अंगोंवाला
अनाकार-सं० (वि०) 1 निराकार 2 परमेश्वर का एक अनवधानता-I सं० (स्त्री०) असावधानता II (वि०) विशेषण लापरवाह
अनाकाल-सं० (पु०) दुर्भिक्ष अनवधि-सं० (वि०) 1बिना समय की पाबंदी का 2 असीम, अनाकृत-सं० (वि०) 1जो रोका न गया हो 2 जिसकी बेहद
देखभाल न की गयी हो अनवरत-I सं० (वि०) अविराम II (अ०) लगातार अनाक्रमण-सं० (पु०) आक्रणम का अभाव। संधि अनवरोध-सं० (पु०) बिना रोक टोक का या मुक्त (स्त्री०); समझौता (पु०) एक-दूसरे पर आक्रमण न अनवलंब-I सं० (वि०) बे-सहारा II (पु०) स्वतंत्रता करने का करार अनवलंबित-सं० (वि०) निराश्रित
अनाक्रांत-सं० (वि०) जो पीड़ित न हो अनवसर-I सं० (पु०) अवसर का अभाव, कुसमय II अनाखर-बो० (वि०) 1 अशिक्षित 2 असभ्य 3 भद्दा (वि०) 1असामयिक 2 अप्राप्तकाल
अनागत-I सं० (वि०) 1न आया हआ, भावी 2 अज्ञात