Book Title: Sutrakrutanga Sutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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.। . सूत्रकृताङ्गसूत्रे अन्वयार्थ:-(राओ वि) रात्रावपि (उहिया संता) उत्थताः सन्तः (धाई वा) धात्री इव धात्रीवत् (दारगं), दारकं-पुत्र रुदन्तं (संउति) संस्थापयन्ति, ते स्त्रीवशीभूताः (सुहिरामणा विते संपा) सुहीमन सोऽपि सन्तः लज्जालबीपि ते छज्जों विहाय (हंसा वा) हंसा रनका इत्र (वत्थधोबा) वस्नधारकाः-स्त्रीपुत्रयोः (हवंति) भवन्तीति ॥१७॥ . . . . .
. टीका-'राओ वि' रात्रावपि 'उहिया' उत्थिताः सन्तः 'धाई वा धात्रीवत् , रुदन्तम् 'दारगं' दारकं-पुत्रं 'संठवंति' संस्थापयन्ति मधुरालाः क्रीडयन्ति । 'मुहीरामणा वि ते संता' ते सुहीमनमोऽपि सन्तः लज्जासंपन्ना वा अपि
शब्दार्थ-- राओदि-शामावधि' रात में भी 'उहिया सना-उत्थिना: सन्तः उठकर 'धाई वा-धात्री इच' धाई के जैसे 'दारगं-दारक' पालक को संठवंति-संस्थापयन्ति' गोद में लेते हैं 'सुहिरामणा दिते संता सुहीमनसोऽपि ते सन्तः' वे अत्यन्त, मनमें लज्जाशील होते हुए भी हंसा वा-हंसा इच' धोबी के समान वत्थधोवा-वस्त्रधारकाः' स्त्री और अपने संतान का वस्त्र धोने वाला 'हवंति-भवन्ति हो जाते हैं ॥१७॥ ' अन्वयार्थ--कोई कोई रात्रि में भी उठकर धाय के समान पुत्र को रखते हैं । वे लजाल होते हुए भी धोषियों के समान स्त्री और पुत्र के वस्त्रों को धोते हैं ॥१७॥' , , , , , , ... .: टीकार्थ--जो स्त्रीवशंगत होते हैं वे रात्रि में भी उठकर रोते हुए पुत्र को धाय के समान रखते हैं अर्थात् मीठी मीठी बातें कहकर उसे रमाते हैं । वे लज्जाशील होते हुए भी लज्जाहीन होकर स्त्री के अधीन . शार्थ - 'रामो वि-रात्रावति' ३ प 'उढिया संता-उत्थिताः सन्तः ही 'धाई वा-धात्री इत्र' पानी में 'दारंग-दारकम्' माने 'संठवंतिमापयन्ति मे.जाभा में छे. 'सुहिरामणा वि ते संता-सुहीमनसोऽपि ते संन्तः'
मत्यात शरभाई ने पाय 'हंसा वा-हंसा इ' धेभीनी भा 'वत्थंधोदावस्त्रधावताः' श्री मने बाताना सतानना पर धेवावाणी हवंति-भवन्ति थाय छे. ॥ १७॥ : : . . . ... ... . .. संता--भीम अधीन, मने
पुरुषाने रात्र ५६५. धात्री (ધાવમાતા) ની જેમ પુત્રની સંભાળ લેવી પડે છે. તેઓ લજજાશીલ દેવા છતાં પણ બેબીની જેમ સ્ત્રી અને પુત્રના કપડાં ધોવે છે. ૧છા ' ! - ટીકાઈ—જે પુરુષ સ્ત્રીને પૂરેપૂરા કાબુમાં આવી ગયા હોય છે, તેમણે રાત્રે રડતાં બાળકની સંભાળ રાખવી પડે છે–તેમને તેડીને, હીંચળીને અથવા
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