Book Title: Sutrakrutanga Sutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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समयार्थबोधिनी टीका प्र. श्रृं. अ. ५ उ. १ नारकीयवेदनानिरूपणम् .. ३४ वैतरिणी-क्षारोष्णरुधिराकारजलनदी (ते सुया) त्वया श्रुता (ते) ते नारका जीवाः (उसुचोईया) इषुनोदिता शरेण प्रेरिताः (संत्तिसु हम्प्रमाणा) शक्तिसु इन्यपाला:शक्तिभिहेन्यमानाः ( अभिदुग्गां वेयरणि), अभिदुर्गा वैतरणी (तरंति), तरन्ति नद्यो पतन्तीति ॥८॥ ___टीका--मुधर्मस्शमी जंबुस्वामिन प्रति कथयति हे जंबूः भगवता तीर्थकरेण प्रतिपादिता या वैतरणी, तस्या नाम प्रायो भवद्भिः श्रुतमेव । मिसिनो खुर इच' निशितः क्षुर इच-तीक्ष्णो या क्षुरधारः तद्वत् । तिक्खोया' तीक्ष्णस्त्रोता:तीक्ष्णानि शरीरविदारकानि स्रोतांसि यस्याः सा तीक्ष्णस्रोता: स्पर्शमात्रेण शीरविदारक स्रोतोयुक्ता 'जइ ते सुया' यदि त्वया श्रुता 'भिदुगा' अभिदुर्गा-अतिशयेन' दुःखेन तत्तु योग्या 'वेयरणी' वैतरणी-क्षारोष्णरुधिरपूयजलवाहिनीनदी 'ते' ते नारकाः जीवाः अतिशयिततधागारसदृशी भूमि विहाय पिपासाकुक्तिीः पिपासामपनेतुम् 'अभिदुग्गां वैयरिंगि' अभिदुर्गा वैतरिणीम्-अतिमीमां तां जल वाली है। नारक जीवों को वाणों से प्रेरित होकर तथा शक्तियों.. (भाला वगैरह शस्त्रों) से आहत होकर उस दुर्गम वैतरणी नदी को पार करना पड़ता है, उसमें गिरना पड़ता है ॥८॥ _____टीकार्थ--सुधर्मा स्वामी जम्बू स्वामों से कहते हैं-हें जम्बू ! तीर्थ: कर भगवान के द्वारा प्रतिपादित वैतरणी नदी का नाम शायद तुमने, सुना होगा । जैसे छुरा की धार तीखी होती है, उसी प्रकार उसकी धारा भी तीखी है-उसके स्रोत स्पर्श होते ही शरीर को विदारण कर देने वाले हैं। वह क्षार, उष्ण, रुधिर एवं पीच रूप जल से युक्त है
और-अतिशय दुर्गम-है। उसे पार करना बहुत कठिन है। वे नारक जीवं अंतितप्त अंगार संदेश भूमि को छोडकर, प्यांस ले व्याकुल होकर જેવા જંળથી યુક્ત છે, નારક જીને બાણ, ત્રિશુળ અને ભાલાં આદિથી પ્રેરાઈને દુર્ગમ નદી પાર કરવી પડે છે તો
ટીકાઈ -સુધર્યા સ્વામી જ બૂ સ્વામીને કહે છે-હે જબૂ! તીર્થક ભગવાન દ્વારા પ્રતિપાદિત વૈતરણી નદીનું નામ તે તે કદ ચ સાભળ્યું હશે અસંતરાની ધાર જેવી તીખી (તીણ) હેય છે, એવી જ વૈતરણીની ધારા તીખી છે તેને પાર કરવાનો પ્રયત્ન કરનાર વ્યક્તિના શરીરનું તેના તીક્ષણ પ્રવાહ દ્વારા વિદ્યારે કરાય છે. કાતરની જેમ તે નદીને પ્રવાહ શરીરને વેતરી नांजे छ तथा तनु नाम वत' ५यु'छे. तनही क्षार, रुधिर पायपर मीडिया ज याजी छ भने तने पार ४२६iनु भ' पी.