Book Title: Sutrakrutanga Sutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 1
________________ जनाचार्य-जैनधर्मदिवाकर-पूज्यश्री-घासीलालजी-महाराजविरचितया समयार्थबोधिन्याख्यया व्याख्यया समलङ्कृत हिन्दी-गुर्जर-भाषाऽनुवादसहितम् ॥श्रीसूत्रकृताङ्गसूत्रम्॥ SHREE SUTRAKRUTĀNG SUTRAM (द्वितीयो भागः) नियोजकः संस्कृत-प्राकृतज्ञ-जैनागमनिष्णात-प्रियव्याख्यानि पण्डितमुनि-श्रीकन्हैयालालजी-महाराजः प्रकाशकः पालणपुरनिवासी महेता सूरजमलभाई भाईचंदभाईना (मद्रास) धर्मपत्नी जासुदवाईना स्मरणार्थे तत्प्रदत्त-द्रव्यसाहाय्येन अ. भा० श्वे० स्था० जैनशास्त्रोद्धारसमितिप्रमुखः श्रेष्ठि-श्रीशान्तिलाल-मङ्गलदासभाई-महोदयः मु० राजकोट प्रथमा-आवृत्ति धीर-संवत् विक्रम संवत् ईसवीसन् प्रति १२०० २४९ २०२६ १९६९ मूल्यम्-रू. २५-०-० CRY02090805 STERESHESAR CERYODAYGROpm ROWEROOROOROOR WAN 289000

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