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गामायरा विसया निसेविया ते कुमार वजेहिं
गामागराइएसु व केसि (सु) विहरो भवे कस्स॥' श्वेताम्बर मान्यता मल्लिनाथ को छोड़कर सबको विवाहित मानती है। पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री के अनुसार हमें भी महावीर की पत्नी यशोदा के नाम के साथ बुद्ध की पत्नी यशोधरा का स्मरण हो आता है और लगता है कि महावीर के जीवन में यशोदा का लाया जाना, कहीं बुद्ध की पत्नी यशोधरा की अनुकृति तो नहीं है।''2
तीस वर्ष की अवस्था में मार्गशीर्ष वदी दशमी के दिन महावीर ने प्रव्रज्या ग्रहण की। श्वेताम्बर मान्यता के अनुसार महावीर 13 वर्ष तक चीवरघारी रहे और उसके पश्चात् नग्न दिगम्बर होकर विचरे।
समणे भगवं महावरे संवच्छरं साहियं मासं चीवरधारी हुत्था, तेण परं अचेलए पाणि पडिग्गहिरा।'
'आवश्यक नियुक्ति' में लिखा है कि चौबीसों तीर्थंकर एक वस्त्र के साथ प्रवर्जित हुए। भद्रगणि क्षमा श्रमण के अनुसार “जब वह वस्त्र गिर जाता है तो सभी अचेल वस्त्ररहित नग्न हो जाते हैं।
तहति गहिरा गवत्था सवत्थतिथोवए सणत्थं ति।
अभिविक्खमंति सव्वे तमि चुएऽचेलया हुति॥ भगवान महावीर ने अपना उपदेश अर्धमागधी भाषा में दिया। उनके काल में धर्म की भाषा संस्कृत थी, किन्तु महावीर और बुद्ध ने लोकभाषा में ही उपदेश दिया।
__चूर्णिकार जिनदास महत्तर के अनुसार अट्ठारह प्रकार की देशी भाषाओं में नियत सूत्र को अर्धमागध कहते हैं।
मगहद्धविसयमासा निबदृ अद्ध मागहं, अहवा
अट्ठारसदेसी भासाणियतं अद्धमागधं। मार्कण्डेय ने माना है कि शौरदेवी भाषा के निकटवर्ती होने से मागधी ही अर्धमागधी
मगह
है
शौरसेन्या अदूरत्वादिय मेवाध मागधी क्रमदीश्वर ने माना कि महाराष्ट्री से मिश्रित मागधी ही अर्धमागधी है
महाराष्ट्री मिश्रण अर्धं मागधी महावीर निर्वाण के 980 वर्ष पश्चात् वलभी में उनका संकलन सम्पादन और लेखन
हुआ।
1. आवश्यक नियुक्ति सूत्र 2. जैन साहित्य का इतिहास, पृ244 3. कल्पसूत्र, 16
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