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भूधर जी महाराज की परम्पराएं श्री रघुनाथ जी महाराज की समुदाय परम्परा
1. श्री धन्ना जी 2. श्री भूधरजी 3. श्री रघुनाथ जी 4. श्री टोडरमल जी 5. श्री दीपचंद जी 6. श्री भैरोदास जी 7. श्री जैतसी जी 8. श्री फैजमल जी 9. श्री संतोषचंद जी 10. श्री मोतीलाल जी
11. श्री रूपचंद जी उपशाखाएं
धन्ना जी के चौथे पाट पर टोडरमलजी के शिष्य इन्द्रमल जी के बाद दूसरे पाट से दो शाखाएं निकली, जिनमें महान् तपस्वी श्रीभानमल जी और बुधमलजी हुए। बुधमल जी महाराज के शिष्य मरुधर केशरी मिश्रीलाल जी सा. विद्यमान हैं।'
भैरोंदास जी से चौथमल जी अलग हुए और चौथमल जी की शाखाअलग कही जाने लगी। जैतसी महाराज की आचार्य परम्परा
धन्नाजी के सातवें पाट पर श्री जैतसी जी महाराज की परम्परा में श्री उम्मेदमल जी, श्री सुल्तानमलजी, श्री चतुर्भुज जी हुए। आगे साधु परम्परा नहीं रही।
जयमल जी महाराज की आचार्य परम्परा 1. श्री जयमल जी 2. श्री रायचंद जी 3. श्री आसकरणजी 4. श्री सबलदास जी 5. श्री हीराचंद जी 6. श्री कस्तूरचंद जी 7. श्री भीकम जी 8. श्री कानमल जी
1. आचार्य श्री हस्तीमलजी महाराज, आचार्य चरितावली, 147-148
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