Book Title: Osvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Author(s): Mahavirmal Lodha
Publisher: Lodha Bandhu Prakashan

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Page 418
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 389 बजाज भंडोवरा, तौतला, आगिवाल, आगसैंग, प्रतानी, . नाटूधर, नवालं, पलौड़ा, तापर, मणियार, धूत, धूपड़, मोदानी।। डीडू माहेश्वरी से हटकर धाकड़ माहेश्वरी, खण्डेलवाल माहेश्वरी, मेड़तवाल इत्यादि है। यह जयपुर, टोंक राज्य में बगरू, महल, निमाडे, रानीखेडे और कुछ चित्तोड़ के समीप निवास करते हैं। इनके गोत्र निम्नलिखित हैं - चण्डक सोमानी डाड झंवर राठी मालपानी जाराडे भंसाली बासट बायती मूंघड़े टावाणी डागा भटड तोसनीवाल काबरा साकौथा थीवा लाहौती नागौरी गरगौली लण्द बघेरवाल धाखा धारवाल मौरी मौहता मतिवार मेड़तवाल गूगले कुलभ डीडू माहेश्वरी से कुछ पौकर माहेश्वरी हो गये। जैसे काबरा, चदेस्या, साहा, बीगौद्या, डडवाड्या, सिंणोल्या, दौडवास, धुतावत, बलवन्या, कायखास, साभरया, कीचक है। खण्डेलवा माहेश्वरियों में कुछ डीडू माहेश्वरी है और कुछ खण्डेलवाल श्रावक हैं। एक समय गोडवाड में पद्मावती नगरी के पौरवाल महाजन ने बड़ा द्रव्य खेचकर यज्ञ किया जिसमें चौरासी जाति के वैश्य आए। 84 जाति के वैश्य 1. आगरा से आगरवाल 2. आडलपुर से अडालिया 3. अयोध्या से अजोधिया 4. अजमेर से अजमेरा 5. आवेर से अवकथवाल 6. ओसियां से ओसवाल 7. खाटू से कठाड़ा 8. करौली से कांकरिया 9. नगरकोट से कपोल 10. बालकुण्डा से ककस्थन 11. खेखा से खटवा 1.जाति भास्कर, पृ295 For Private and Personal Use Only

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