Book Title: Osvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Author(s): Mahavirmal Lodha
Publisher: Lodha Bandhu Prakashan

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Page 453
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 424 बीकानेर सम्भाग के जैनशास्त्र भण्डार बीकानेर सम्भाग में लगभग एक लाख हस्तलिखित ग्रंथों का भण्डार है जिसमें 60000 अभय जैन ग्रंथालय, 15000 अनूप संस्कृत लाइब्रेरी और शेष अन्य भण्डारों में है जिनमें मुख्य है - वृहद ज्ञान भण्डार, रांगड़ी का चौक ( 10000 हस्तलिखित ग्रंथ), पूज्यभण्डार, खरतरगच्छ का बड़ा उपासरा (2500 ग्रंथ और 100 गुटके) श्री जैनलक्ष्मी मोहन भण्डार, रांगड़ी का चौक (2529 ग्रंथ और 200 गुटके), सुमनाजी के उपासरे में क्षमा कल्याण ज्ञान भण्डार (715 ग्रंथ खरतर गच्छीय गुर्वावली नामक दुर्लभग्रंथ उपलब्ध है), बोहरों की सेरी में उपाश्रय ज्ञानभण्डार (300 ग्रंथ) महोपाध्याय रामलाल का संग्रह (507 ग्रंथ), खरतराचार्य शाखा का ग्रंथ भण्डार (1875 ग्रंथ), सुराणा की गुवाड़ में मोहनलाल का संग्रह, यति लच्छीराम का संग्रह, कोचटों के उपाश्रय स्थित ग्रंथ भण्डार (800 ग्रंथ) श्री जयकरण संग्रह (250 ग्रंथ) सेठिया लाइब्रेरी (1500 हस्तलिखित पाण्डुलिपियां), नाहटों की गुवाड़ में गोविन्द पुस्तकालय ( 6000 हस्तलिखित पाण्डुलिपियां ) मोतीचंद खजांची का संग्रह (6000 हस्तलिखित ग्रंथ) बोथरों की गुवाड़ में जेठीबाई का ज्ञान भण्डार (500 हस्तलिखित ग्रंथ) है। इसके अतिरिक्त गंगाशहर का शास्त्र भण्डार (300 हस्तलिखित ग्रंथ, श्वेताम्बर तेरापंथी सभा), चुरु के पुस्तकालयों में सुराणा लाइब्रेरी ( 2500 ग्रंथ), खरतरगच्छीय वरी का उपासरा (3785 ग्रंथ) सरदार शहर में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा का ज्ञान भण्डार (1471 हस्तलिखित ग्रंथ, 1477 ई की कल्पसूत्र की स्वर्णिम स्याही में लिखी प्रति), श्रीचंद गणेशदास गधैया की हवेली का संग्रह, उपकेशगच्छ (केवलागच्छ) के पूज्य और यति प्रेमसुन्दर के संग्रह, भीनासर का ज्ञानभण्डार (700-800 ग्रंथ) कालूग्राम का ज्ञान भण्डार (ि किशनलाल के संग्रह के कुछ ग्रंथ) नोहर में कुछ श्रावकों के संग्रह सूरतगढ़ में जैन मंदिर के शास्त्र भण्डार, हनुमानगढ़ में ताराचंद तातेड़ का संग्रह, राजलदेसर में उपकेश गच्छीय यति दौलतपुर के संग्रह, रतनगढ़ में वेदों की लाइब्रेरी और सोहनलाल वेद के कुछ ग्रंथ, छापर में मोहनलाल दुधोरिया के संग्रह, सुजानगढ़ में लोंकागच्छ के अनुयायी रामलाल यति, खरतरगच्छ के यति दुधेचंद और दानचंद चोपड़ा की लाइब्रेरी के ग्रंथ और रिणी में पन्नालाल के व्यक्तिगत संग्रह है । अजमेर-जयपुर सम्भाग के जैन भण्डार आमेर शास्त्र भण्डार (2705 हस्तलिखित ग्रंथ और 150 गुटके ), कुन्दीगरों भैरों जी का रास्ता में जैन उपाश्रय में श्वेताम्बर जैन भण्डार (3500 ग्रंथ, प्राचीनतम ग्रंथ 1447 ई का पार्श्वनाथ चरित और 1452 ई का आचरांग बालाबोण), भोमियों के रास्ते में बेराठियों के मंदिर में स्थित नया मंदिर का भण्डार (1549 ई), ब्रह्मजिनदास कृत हरिवंश पुराण (1584 ई), लाल भवन स्थित विनयचंद ज्ञानभण्डार (7000 मुद्रित और अमुद्रित ग्रंथ), कुंदीगरों के भैरों जी के रास्ते में शिवजीरामभवन मुनि कांति सागर की हस्तलिखित प्रतियों का संग्रह, जयपुर का महाराजा पोथीखाना ( 18000 हस्तलिखित प्रतियां), राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान (2000 ग्रंथ) है। For Private and Personal Use Only

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