Book Title: Osvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Author(s): Mahavirmal Lodha
Publisher: Lodha Bandhu Prakashan

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Page 474
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 445 मुरली मनोहर सिंघवी, भूरचंद जैन और दौलतमल सिंघवी आदि ने अपनी उल्लेखनीय सेवाएं प्रदान की है। ओसवंशी चार्टरित लेखापालों में सर्व श्री अजीत सिंह भण्डारी, यशरूपमल लोढा, सुरेन्द्रसिंह भण्डारी, महेन्द्र दूगड़, बी.सी. छाजेड़, चैनराज मेहता, पी.सी. छाजेड़ और सज्जनमल दूगड़ आदि की सेवाएं उल्लेखनीय है। सेवा के क्षेत्र में 'सेबी' के अध्यक्ष श्री देवेन्द्र राज मेहता ने 'महावीर विकलांग' के जयपुर फुट के द्वारा सेवा के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। कला के क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठित चित्रकार इन्द्र दूगड़ ने राजगृह के प्राकृतिक और आध्यात्मिक सौन्दर्य को अपने चित्रों में उकेरा है। जोधपुर निवासी पारस भंसाली ने भी कलात्मक चित्रों की दृष्टि से ख्याति अर्जित की है। ओसवंशीय नारीरत्नों में महासती सरदारा जी (कोठारी), महासती गुलाबांजी (बैंगानी), भूरसुन्दरी जी (रांका), प्रवर्तिनी साध्वी देवश्री जी (भाभू) महत्तरा साध्वी मृगावती जी (संघवी), प्रवर्तिनी पुण्यश्री जी (पारख), प्रवर्तिनी साध्वी विचक्षणा जी (मूथा) चंदना जी (कटारिया) और बिलमकंवरजी (लोढ़ा) आदि अनेक साध्वियों ने जैनमत की ज्योति प्रज्ज्वलित की है। ओसवंश की अनेक नारी रत्नों ने आजादी के आन्दोलनों में भाग लिया, जिसमें मुख्य है कलकत्ता की श्रीमती गोविन्दी देवी पटवा, सूरत की पुष्पादेवी कोटेचा, नागपुर की श्रीमती सरस्वती देवी रांका, अजमेर की सरदारबाई लूणिया और नागपुर की श्रीमती धनवती बाई रांका आदि। सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण ओसवंशी नारी रत्नों में पूना की नन्दूबाई ओसवाल, कोटा की प्रसन्नकुमारी और जोधपुर की श्रीमती सुशीला बोहरा आदि मुख्य हैं। नारी रत्नों में हीराकुमारी बोथरा ने भाषाशास्त्र और दर्शन में निष्णात होकर जैनशास्त्रों काअध्ययन किया और आचरांगसूत्र का बंगला में अनुवाद किया; श्री कमलदेवी दूगड़ ओसवाल समाज की प्रथम महिला डाक्टर बनी; चिकित्सा विज्ञान में पेरासाइटोलोजी पर पी.एच.डी. करके जोधपुर की श्रीमती डॉ. अरुणा सिंघवी ने अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की; जोधपुर की डॉ. किरण कुचेरिया मानवीय मनोकोशानुवांशिकी की प्रभारी अधिकारी और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एसोसियट प्रोफेसर है और शोध वैज्ञानिक कांति जैन अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शोध वैज्ञानिक है, जो आजकल कल्याण सेवा ट्रस्ट जोधपुर की प्रमुख संचालिका है। इसके अतिरिक्त श्रीमती कमला सिंघवी (लेखिका), श्रीमती विमला मेहता (लेखिका) श्रीमती रेणुका पामेचा (नारी जागृति), श्रीमती शशि मेहता (संवाददाता), कुमारी प्रभाशाह (चित्रकार), श्रीमती ममता डाकलिया (लोकगीतकार), श्रीमती प्रीति लोढ़ा (संगीत), सरयू डोसी (सूक्ष्म चित्रांकन कला की विशेषज्ञ) और मल्लिका साराभाई (नृत्य और नाट्य) के अतिरिक्त अनेकानेक नारी रत्न हैं, जिन्होंने श्रेयस्कर मूल्यों की प्रस्थापना की है। For Private and Personal Use Only

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