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321 बदायू, मुरादाबाद, हरियाणा के गुड़गांव और राजस्थान के जयपुर, अलवर और बीकानेर जिलों में बसते हैं। माहेश्वरी तापड़िया इसी वंश से निकले हैं। सिकरवार और मडाढ भी बड़गूजरों की शाखा है।
गौड़वंश राम के लघु भ्राता भरत का वंश है। गंधर्व शब्द ने ही सम्भवत: गौड़ बना।
चौहान वंश को चन्दरबरदाई, मुहणौत नैणसी और सूर्यमलमिश्रण ने अग्निवंशी माना है। कर्नल टाड और स्मिथ सभी तथाकथित अग्निवंशियों को विदेशी मानते हैं। रामकृष्ण भण्डारकर ने चौहानों की वत्सगोत्री ब्राह्मणों की सन्तान माना है। वास्तव में ये विशुद्ध सूर्यवंशी हैं। खींची और सोनगरा आदि भी चौहानों की शाखाएं हैं।
वैसवंश वसति जनपद के महाराजा वासु के वंशधर ही वैस वंश के कहे जाते हैं। हर्षवर्धन इसी वंश का है। हर्षवर्धन के पश्चात् इसी वंश में प्रसिद्ध राजा हुआ। इस वंश के क्षत्रिय उत्तरप्रदेश के मैनपुरी, एरा, बदायूं, अलीगढ, कानपुर, बांदा, हमीरपुर, इलाहाबाद, फर्रुखाबाद, अजयगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, फैजाबाद, गोरखपुर, उन्नाद, रायवरेली और बिहार में सारण जिले में बसते हैं।
दाहिमा वंश : जोधपुर जिले में गोठ और मांगलोद के बीच दधिमाता का मंदिर है। ओझा जी के अनुसार इस मंदिर के क्षेत्र के राजपूत दाहिमे राजपूत कहलाये।' पृथ्वीराज चौहान का सेनापति कैमास दाहिमा वंश का था। इस वंश के क्षत्रिय जिला मेरठ के बागपत तहसील में बसते हैं। इस वंश की केवल एक रियासत जसमौर राज्य है। अब इस वंश के क्षत्रिय उत्तरप्रदेश के सहारनपुर, मुजफ्फरपुर, मैनपुरी, इटावा और अलीगढ जिलों में बसते हैं।
दहिया वंश महर्षि दधिचि की संतान है। महाराजा बिल्हण दहिया वंश का सबसे शक्तिशाली राजा रहा है। इस वंश के क्षत्रिय अब राजस्थान के निवासी भी हैं।
दीक्षित वंश को कुछ इतिहासकारों ने चंद्रवंश की शाखा माना है, जो ठीक नहीं है। प्राचीन समय में इनका राज्य अयोध्या में होना सिद्ध होता है। अयोध्या के राजा दुर्गभाव ने अपना राज्य गुजरात में स्थापित किया था। उज्जैन के महाराजा विक्रमादित्य ने इन्हें दीक्षित की उपाधि से विभूषित किया था।
इसके अतिरिक्त सूर्यवंश के विसेनवंश के भभूरभट ने कर्नाटक प्रदेश के पल्लवों को हराकर अपना राज्य स्थापित किया। इस वंश के क्षत्रिय इलाहाबाद, गोरखपुर, गोंडा, फैजाबाद, प्रतापगढ़, बांदा, जौनपुर, बनारस, गाजीपुर, आजयगढ़ आदि जिलों में बसते हैं।
काननवंश, सूर्यवंश काएक प्राचीन वंश है। ये कोंकण से आए इसलिये इन्हें काननवंश कहते हैं। ये यू.पी. के गाजीपुर, बलिया, आजयगढ़ और बिहार के आरा, छपरा, दायंगा और मुजफ्फरपुर जिलों में बसते हैं। इसके अतिरिक्त डोगरा वंश (कश्मीर के) और गुप्तवंश भी विशुद्ध सूर्यवंशी क्षत्रिय थे।
1. गौ.ही. ओझा, राजपूताने का इतिहास, पृ 270
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