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319 सूर्यवंश
सूर्यवंशियों की उत्पत्ति विवस्वान (सूर्य) से मानी जाती है। ब्रह्माजी के पुत्र मारीच हुए, मारीच के कश्यप हुए और कश्यप की रानी अदिति से सूर्य की उत्पत्ति हुई, जिसे विवस्वान भी कहा जाता है। विवस्वान के पुत्र मनु थे। मनु के दस पुत्रों में पृथु, हरिश्चन्द्र, दिलीप, रघु, दशरथ, रामचन्द्र, शुद्धोधन और सिद्धार्थ जैसे राजा और महापुरुष हुए।
सूर्यवंश के रघुवंशी उत्तरप्रदेश के फैजाबाद, बनारस, जौनपुर, आजमगढ़, गौड़ा, सुल्तानपुर, मध्यप्रदेश के सतना और बिहार, राजस्थान, आसाम और चण्डीगढ़ के आसपास रहते हैं।
निमि वंशवैवस्वत मनु के एक पुत्र निमि (मिथि) की सन्तान है। मिथिला के शासकों की उपाधि जनक भी है। सीरध्वज जनक की पुत्री सीता का विवाह रामचन्द्र से हुआ और दूसरी पुत्री उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हुआ। छोटे भाई कुशध्वज की पुत्री मांडवी भरत के साथ और दूसरी पुत्री श्रुतकीर्ति का विवाह शत्रुघ्न से हुआ। यह वंश बिहार प्रान्त के उत्तरी जिलों में निवास करता है।
इक्ष्वाकु वंश के प्रसिद्ध राजा निकुम्भ से वंश चला। इन्होंने बम्बई के पास खानदेश में अपना राज्य स्थापित किया। इस वंश के क्षत्रिय अब राजस्थान के जयपुर, अलवर, बिहार के आरा, छपरा, वैशाली, मुजफ्फरपुर तथा उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, आजमगढ़, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, रायबरेली, हरदोई, फर्रुखाबाद और कानपुर में बसते हैं । इस वंश का राज्य पहले श्रीनगर में था, रुद्रपुर का राज्य इन्हें दहेज में मिला और उनवल का राज्य इन्होंने बाद में जीत लिया। इसके अतिरिक्त इस वंश के क्षत्रिय अब उत्तरप्रदेश के उपरोक्त स्थानों के अतिरिक्त बलिया, गाजीपुर, बस्ती और बिहार के मुजफ्फरपुर, भागलपुर, छपरा और दरभंगा आदि जिलों में बसते हैं।
नागवंश, सूर्यवंशी राजा शेषनाग का वंश है। महाभारतकाल में ये गंगा यमुना के बीच और कुरुक्षेत्र और दिल्ली के आसपास खाण्डव वन में बसते थे। नागवंशियों का फोजी द्वीप पर शासन होने के प्रमाण मिले हैं। अर्जुन ने नागराजा की पुत्री उलूकी से विवाह किया था। मथुरा, मारवाड़ और काश्मीर पर सातवीं से नौवी शताब्दी तक, बस्तर पर नौवीं शताब्दी में, येलवर्गा, भागेवती और निजाम राज्य पर दसवीं से बारहवीं शताब्दी तक इनका राज्य था। अब इस वंश के क्षत्रिय बिहार के रांची, हजारीबाग, मुजफ्फरपुर जिलों, आसाम, बंगाल, मध्यप्रदेश, काश्मीर
और दक्षिण भारत में बसते हैं। कर्नाटक में यह कर्नाटक क्षत्रिय कहलाते हैं। इसकी उपशाखा टांक वंश के क्षत्रिय टक्क देश (पंजाब) में रहते थे। इसकी एक शाखा पंचकर्टक किंचित मात्र में पंजाब, राजस्थान में बसते हैं।
गोहिलवंश गहलोत वंश की शाखा है। सिसोदिया भी गहलोत वंश की शाखा है। यह वंश राम के पुत्र लव का वंश है।
राठौड़ वंश की उत्पत्ति मुचकुंद राठौड़ से हुई। भाट इसकी उत्पत्ति हिरण्यकश्यप की
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