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भटवेरा, पांता, पूराते।
मुहणौत नैणसी के अनुसार इसकी शाखाएं
गहलोत,वीसोदिया, ऊहाड़ा, पीपाड़ा, हुल, मांगलिया, आसायत, केनता, मंगरीया, गोधा, जहलिया, मोटसिरा, गोदारा, भीवल, मोर, टीवण, भाहिल, तिबड़किया, बोसा, चन्द्रावत, घोरपिया, बूटीवाल, गौतमा है।
'वीरविनोद' में इसकी शाखाएं- गोहिलोत, सिसोदिया, पीपाड़ा, मांगलिया, ऊजवराया, केलवा, कूपा, भीमल, घोराण्या, हूल, गोधा, अहाड़ा, नादौत, आशावत, षीण, करा, भटेवश, मूदोत, घालरया, कुचेला, दुसंध्या और कड़ेचा मानी गई है।
__वस्तुत: गुहिल वंश गहलोत वंश की शाखा है। वि.स. 1034 के शक्तिकुमार के आवकुमाद शिलालेख में गुहिलवंश को गुहदत्त से उत्पन्न माना है।
आनन्दपुर विनिर्गत विप्र कुलानन्दनो महिदेवः ।
जयति श्री गुहदत्त: प्रभन: श्री गुहिल वंशस्य॥ सिसोदिया (गहलोत)
इस प्रकार सिसोदिया गहलोत वंश की एक शाखा है। सिसोदिया की उपशाखाएं निम्नानुसार हैं
1. चुण्डावत (सलूम्बर में) 2. सांगावत (आमेर में) 3. सारंग देवोत (कानोड़ में) 4. चन्द्रावत (रामपुरा मालवा में) 5. क्षेमावत (देवलिया प्रतापगढ में) 6. सूहावत (ठिकाना धामोदर) 7. राणावत (महाराणा उदयसिंह के वंशज)
8. शक्तावत (महाराणा प्रतापसिंह के छोटे भाई शक्तिसिंह के वंशज- भीडर और बानसी)
9. कान्हावत (अमरगढ़ में) 10. जगमलोत (सिरोही में) 11. वीरमदेवोत 12. भीमसिहोंत 13.संग्रामसिंहोत 14. कृष्णावत 15. रुद्रोत (सिरोही में) 16. नगराजजोत (मालवा में) 17. जगमालोत
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