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अमरनाथ पर्यन्त गौड़ देश की स्थिति है। 'मतस्यपुराण' में श्रावस्ती का वर्णन गौड़ देश में दिया गया है। गण्ड नदी के पश्चिम की भूमि गौड़ देश कहलाती है। बंगदेश के राजाओं ने पाँच ब्राह्मणों को बुलाया और दान से संतुष्ट किया, अत: गौड़ मूलत: बंगाल के नहीं है।
इसके अतिरिक्त पाराशर से पारीक, दाधीच से दायमा ब्राह्मण हुए। सनाढ्य ब्राह्मण भी गौड़ के अन्तर्गत हैं।
इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न हुए इल से जो सुद्युम्न नाम से विख्यात है, उनके तीन पुत्रोंउत्कल, गय और हरिताश्व में उत्कल ने उत्कलदेश बसाया। इनके वंशज उत्कल ब्राह्मण कहे जाते हैं। इसी तरह मैथिल देश में बसने वाले मैथिल ब्राह्मण कहलाते हैं।
___इस प्रकार वैवस्वत मनु की परम्परा में इक्ष्वाकु के सुद्युम्न से कान्यकुब्ज का, निमि से मिथिला ब्राह्मणों का और शर्याति से सारस्वत ब्राह्मणों का वंश चला।
दक्षिण में इसी तरह कर्णावट ब्राह्मण, तेलंग देश में तैलंक ब्राह्मण, द्रविड़ देश में द्रविड़ ब्राह्मण, महाराष्ट्र में महाराष्ट्र ब्राह्मण हैं और सागरखण्ड से नागर ब्राह्मणों की, गड़वाल में गड़वाली ब्राह्मणों की और श्रीमाल में श्रीमाली ब्राह्मणों की उत्पत्ति हुई।
ब्राह्मण (गौत्र अज्ञात) से निसृत ओसवंश के गोत्र' 1. कठोतिया 2. पगारिया/खेतानी/मेड़तवाल/गोलिया 3.संघवी/सिंघी/सिंघवी 4. सेठ/सेठिया
5. ननवाणा सिंघी
ब्राह्मण (गोत्र अज्ञात) से निसृत ओसवंश के गोत्र (तालिका रूप में) गोत्र संवत आचार्य गच्छ स्थान पूर्वपुरुष 1. कठोतिया 1176 जिनदत्तसूरि खरतर कठौती ग्राम - 2. पगारिया 1111 अभयदेवसूरि खरतर भीनमाल शंकरदास 3. बर्डिया - कृण्णर्शि उपकेश नागपुर नारायण 4. सेठ उदयप्रभसूरि शंखेश्वरगच्छ काशी सोम 5. सिंघी/सिंघवी 1121 जिनवल्लभसूरि खरतर सिरोही ननवाणा बोहरा
विजयानंद (ब्राह्मण)
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