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369 18. अहाड़िया (अहाड़ ग्राम में) 19. पीपारा (पीपाड़ में) 20. नागदेह (नागदा में) 21. महयान (मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों और बिहार के गया में) 22. चामियाह (उदयपुर के राजवंश की) इसकी शाखा में (1) मडियार देवगढ (मेवाड़) और गया (बिहार)
22. भोंसला (शिवाजी का वंश- चित्तोड़ के महाराणा लक्ष्मण के छोटे पुत्र अजयसिंह का वंश है।)
23. सिंधिया (ग्वालियर और इंदौर का राजवंश)
24. गोरणा (नेपाल का राजवंश) सिसोदिया (गहलोत) से निसृत ओसवशं के गोत्र
श्रीभूतोड़िया ने निम्नांकित ओसवंश के गोत्रों को शिशोदियाराजपूतों से निसृत माना
है
1. शिशोदिया 2. सुरपुरिया
3. जोहरी सिसोदिया (राजपूतों) से निसृत ओसवंश के गोत्र (तालिका रूप में) गोत्र संवत आचार्य गच्छ स्थान पूर्वपुरुष पीपाड़ा 1072 वर्द्धमान सूरि खरतर पीपाड़ कर्मचंद सिसोदिया 13वीं सदी यशोभद्र जी - श्रवण, सुरपुरिया (सिसोदिया की शाखा) - - जोहरी 15वीं शती - - ठाकुर पदमसिंह
भाटी राजपूतों से निसृत ओसवंश के गोत्र
भाटी
इसे भट्टी वंश भी कहा जाता है। इसकी उत्पत्ति चंद्रवंशी राजा भाटी से हुई। श्रीकृष्ण के वंशजों ने काठियावाड़, कच्छ, ग्वालियर, मथुरा, धौलपुर, करौली, जैसलमेर, तथा गुड़गांवा तक राज्य स्थापित किया। इस वंश के एक राजा रिज की राजधानी पुष्पपुर (वर्तमान पेशावर) में भी प्रमाणित हो चुकी है। इनके पुत्र गज ने गजनीपुर (वर्तमान गजनी) बसाई। इसका पुत्र शालिवाहन
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