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365 इनके वंशज उड़ीसा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, जालौर, जम्मू और कश्मीर और पुंछ में है। ठाकुर उदयनारायण सिंह के अनुसार नरवट के कछवाहे नरुके कछवाहे बहलाते हैं। उदयकरण के दूसरे पुत्र बालाजी को शेख बुरहान चिश्ती की कृपा से शेखा जी उत्पन्न हुए। राव शेखाजी के वंशज शेखावत कहलाते हैं। ये बड़ी मात्रा में शेखावटी में रहते हैं।
शेखावतों की कई शाखाएं हैं, जैसे- टकनेल शेखावत (शेखाजी की टांकर रानी से उत्पन्न), रत्नावत शेखावत (शेखाजी के पुत्र रत्नावत की संतान), मुल्कपुरिया शेखावत (जयपुर के पास मुल्कपुर के रहने वाले),खेजड़ोलियाशेखावत (खेजड़ोली ग्राम के रहने वाले), रायमलोत शेखावत (शेखाजी के सबसे सबसे छोटे पुत्र रायमल जी के वंशज), तेजेसिंह शेखावत (रायमल जी के तीसरे पुत्र तेजसिंह जी के वंशज), सहसमलजी शेखावत (रायमल जी के तीसरे पुत्र सहसमलजी के वंशज), दूदावत शेखावत (रायमलजी के दूसरे पुत्र दूदा के वंशज) लूणकरण जी शेखावत (रायमल जी के दूसरे पुत्र लूणकरण जी के वंशज), रायसलोत शेखावत (सूजा जी के पुत्र रायसल जी के वंशज), गोपालजी शेखावत (सूजाजी रायसलोत के तीसरे पुत्र गोपालजी के वंशधर), चांदापोता शेखावत (सूजाजी के दूसरे पुत्र चांदा जी के वंशधर), भेरू जी शेखावत (सूजा जी के सबसे छोटे पुत्र भैरूजी के वंशज)।
1.
कछवाहा-वंशावली ग्वालियर शाखा लक्ष्मण (950-975 ई) वज्रदमन 975-995 ई) मंगलराज (995-1013) कीर्तिराज (1015-35 ई) मूलदेव (1035-55 ई) देवपाल (1055-75 ई) पदमपाल (1075-80 ई) महिपाल (1089-300 ई) देवकुण्ड शाखा युवराज (1000 ई)
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