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पड़िहार पापड़िया पालरेचा । पोकरवाल पितलिया पादेचा । पालावत् पिपलिया पुहड़ा वीर । पाथवत् पोपटिया पY धीर ।। फूला फूलपगर फोकटिया जाण । फक्कड़ा फेफावत् फला प्रमाण । बडोलिया बडाला वलोटा धीरा बालडा बहुबोला बावला वीरा ॥ वाबेल बांगाणी बघेरवाल । बाबेलिया बह्येचा वांकीवाल । बुरड़ बुर्कचा बोकडियामान । बोरूदिया बोगा बजाज पहचान ।। बुबकिया बुर्ड बेगडा खरा । बालिया बोरेचा बगला धरा। भक्कड़ भड़गतियां भंडेसरा सही। भील्लडिया भाभू भन्शाली कही। भंडावत् भोपाला भुंगड़ी धीर । भीनमाला भादवत भुनिडवीर । भाला भोगरवाल और भूरा । भाटी भलभला ने भल चूरा ।। मरडिया मीनीयार मे मागदिया। मेड़तिया ममाइया भालुकिया । महुतीयाणी मीनारा ने मुशल । मेथात है मोडो मीठा कुशल माडलेचा मालविया ने मेवाड़ा। मालावत मुगा मोथा चाडा ॥ मच्छा मुलीवाल अरू मुर्गीपाल। मकाणा मादरेचा वे सुविशाल ।। मोदी मर्ची और मोतिया वडवीर । मोहीवाल में दीवाल हुए रणबीर रायजादा राय भणसाणी ने राठौड़। राजावत् रासाणी रोडा कोड़ लालन लुणिया लुणावत जाण । लुंबक लोला लेवा पहचान ।। लाखाणी लखेसरा ने लोलेचा । संरिया साचोरा ने सोलेचा ।। सिरोया सरवाला ने सेवइयाँ । सोढा सगाणी शृंगारारिया ।। सुरपुरियां सांगरिया सोनीगरा । सोजतिया सिंहावत् उत्तमधरा संखवाल साच्चा सुखा सही। हरसोला हाड़ा हेमावत कही। हांसा हंसाणी हाला खेडी वीर । हापड़ा हुल्ला हरियागंभीर ।।
संक्षिप्त से मैं किया विचार । ओसवंश रत्नाकर नहीं आवे पार ।। ओसवंश के गोत्रों का वर्गीकरण
ओसवंश के गोत्रों का वर्गीकरण निम्नांकित आधारों पर प्रस्तुत किया जा सकता है। इनमें कुछ गोत्रों को ही स्थान मिल सका है।
1. प्रतिबोधकर्ता आचार्य के आधार पर 2. गच्छ के आधार पर 3. प्रतिबोध के स्थान के आधार पर 4. उद्भव के समय के आधार पर 5. नामकरण के आधार पर 6. मूल गोत्रों के आधार पर 7. पूर्वजाति (उद्भव जाति) के आधार पर
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