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रामसेनीय गच्छ - नागौर में पद्मप्रभु पंचतीर्थी पर 1401 ई का एक मूर्तिलेख मिला है।'
रुद्रपल्लीय गच्छ - 1449 ई से 1496 ई के मध्य के 12 प्रतिमा लेखों में इसका नाम मिला है। . .
विद्याधर गच्छ - नागौर के कुंथुनाम मंदिर में 1463 ई में इस गच्छ का नाम है।'
वृत्राणा गच्छ - मेड़ता के एक मंदिर के शांतिनाथ पंचतीर्थी में 1450 ई के लेख में इस गच्छ का नाम है।
वृद्ध धाराणद्रीय गच्छ - इस गच्छ का नाम 1383 ई और 1470 ई के शिलालेखों में मिलता है।
शतीशली गच्छ - मालपुरा के मुनि सुव्रत मन्दिर की आदिनाथ पंचतीर्थी के 1477 ई के लेख में इसका नाम है।
साधु पूर्णिमा गच्छ - यह पूर्णिमा गच्छ की शाखा है। 1476 ई के 5 प्रतिमा लेखों में इसका नाम है।'
सीतर गच्छ - सवाई माधोपुर के विमलनाथ मंदिर की आदिनाथ पंचतीर्थी के 1405 ई के लेख में इस गच्छ का उल्लेख है।
सुविहित पक्ष गच्छ - कोटा के माणिक्यसागर मंदिर की सुविधिनाथ पंचतीर्थी के 1555 ई के लेख में इसका उल्लेख है।'
सुधर्मगच्छ - भैंसरोडगढ के ऋषभदेव मंदिर की अजितनाथ पंचतीर्थी के 1600 ई के लेख में इस गच्छ का उल्लेख है।
___ हर्षपुरीय गच्छ - इसकी उत्पत्ति हरसूर (हर्षपुरा) से हुई। नागौर के एक मंदिर के 1498 ई के लेख में इसका उल्लेख है।"
हारीज गच्छ - हरसूली के पार्श्वनाथ मंदिर की महावीर पंचतीर्थी के 1388 ई के लेख में इसका उल्लेख है।
1. प्रतिष्ठा लेखसंग्रह, क्रमांक 182 2. वही, क्रमांक 401, 438, 454-456, 520, 570, 669, 741, 830, 840, 873 3. वही, क्रमांक 608 4. वही, क्रमांक 426 5. वही, क्रमांक 166, 687 6. वही, क्रमांक 875 7. वही, क्रमांक 158, 359, 361, 709, 765 8. वही, 186 9. वही, 1011 10. वही, 1074 11. वही, 879 12. यही, 170
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