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130 (4) हरजी ऋषि का सम्प्रदाय
हुक्मीचंदजी महाराज और उनकासम्प्रदाय - पंचम मुनि हरजी ऋषिकी सम्प्रदाय परम्परा में कोटा सम्प्रदाय में 26 पंडित रत्न और एक साध्वी कुल 27 थे। इनमें पूज्य हुक्मीचंद जी एक आचारनिष्ठ विद्वान थे । आपका जन्म ढूंढाड़ (जयपुर राज्य) के टोडा नामक ग्राम में हुआ। संवत् 1877 में आप लालचंद जी महाराज के पास दीक्षित हुए। आपका स्वर्गवास जावर (मध्यभारत) में संवत् 1918 में हुआ।
शिवलाल जी महाराज - हुक्मीचंदजी के पश्चात् शिवलाल जी महाराज आचार्य पद पर प्रतिष्ठित हुए । संवत् 1934 में आपका स्वर्गवास हुआ। घाणिया (मालवा) आपकी जन्मभूमि थी।
हरजी ऋषि की दो शाखाएं प्रसिद्ध हैं। 1. कोटा सम्प्रदाय की आचार्य परम्परा - दो
2. हुक्मीचंद जी महाराज की आचार्य परम्परा (अ) कोटा समुदाय की आचार्य परम्परा
1. पूज्य हरजी ऋषि 2. गोदाजी ऋषि 3. परसराम जी महाराज 4. लोकमल जी महाराज 5. मायाराम जी महाराज 6. दौलतराम जी महाराज 7. गोविन्दराम जी महाराज 8. फतहचंद जी महाराज 9. ज्ञानचंद जी महाराज 10. छगनलाल जी महाराज 11. रोडमल जी महाराज 12. प्रेमराज जी
13. गणेशमलजी (आ) कोटा समुदाय की आचार्य परम्परा
1. हरदास जी महाराज 2. गोदाजी 3. परसरामजी 4.खेमसी जी 5. खेतसी जी 6. फतहचंद जी
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